80C में जुड़ सकती हैं म्युचुअल फंड की और कैटेगरी

मोदी सरकार अपना अंतिम बजट आगामी 1 जनवरी को पेश करेगी। हालांकि परंपरा है कि चुनावी साल में जब एक साल के लिए बजट न लाना हो तो वोट ऑफ अकाउंट पेश किया जाता है। लेकिन जैसे संकेत मिल रहे हैं उनसे लगता है कि सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी। वोट ऑफ अकांउट में जहां सरकार केवल जरूरी खर्च के लिए संसद से इजाजत लेती है, वहीं अंतरिम बजट में सरकार महत्वपूर्ण घोषणा भी कर सकती है। चुनावी साल होने के चलते उम्मीद है कि मोदी सरकार बजट 2019 में नौकरीपेशा और मिडिल क्लास लोगों को इनकम टैक्स के मामले में 4 बड़ी राहत दे दे।

कौन सी चार सौगातें मिल सकती है Budget 2019 में

1. टैक्स छूट की सीमा बढ़ना संभव

सरकार को अंतरिम बजट 2019 (Budget 2019) में इनकम टैक्स छूट की सीमा को बढ़ा सकती है। फिलहाल 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी इनकम टैक्स के दायरे से मुक्त है। ऐसे संकते मिले हैं जिनसे लगता है कि बजट 2019 (Budget 2019) में इस 2.5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक किया जा सकता है।

2. बढ़ सकती है 80C की लिमिट

इस समय में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत 1.5 रुपये तक का निवेश कर इनकम टैक्स की छूट ली जा सकती है। जानकारों को उम्मीद है कि महंगाई बढ़ने के कारण अब यह लिमिट काफी कम है, जिसके चलते इसे बजट 2019 में बढ़ाया जा सकता है। सरकार अगर इस लिमिट को बढ़ा कर 2 से 2.5 लाख रुपए कर देगी तो इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी।

3. होम लोन पर बढ़ सकती है राहत

मोदी सरकार ने आम लोगों को घर खरीदने के लिए पहले भी काफी राहत दी है। ऐसे में उम्मीद है कि बजट 2019 (Budget 2019) में भी इसका विस्तार किया जा सकता है। जानकारों को उम्मीद है कि हाउसिंक लोन पर टैक्स छूट की मौजूदा लिमिट 2 लाख रुपये को बढ़ाकर 4 लाख रुपये तक किया जा सकता है। इससे घर खरीदने वालों को काफी राहत मिलेगी और ज्यादा ज्यादा से लोग अपने घर का सपना पूरा कर सकेंगे।

4. 80C में जुड़ सकती हैं म्युचुअल फंड की और कैटेगरी

इस समय अगर कोई म्युचुअल फंड में निवेश करके इनकम टैक्स बचाना चाहे तो उसके पास केवल 80C के तहत सिर्फ इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) का ही विकल्प है। लेकिन बहुत से लोग हैं जो इक्विटी मार्केट का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, पर म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए उम्मीद है कि सरकार बजट 2019 (Budget 2019) में विशेष डेट फंड और हाइब्रिड फंड को 80C में शामिल करने का प्रावधान कर सकती है।