70 दिन बाद चली जाएगी ममता की कुर्सी, वजह जानकर चौक जाएंगे आप

नंदीग्राम में भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को मात दी थी। हालांकि, वर्तमान में ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री हैं बावजूद उन्हें नियमानुसार 6 महीने के भीतर ही किसी भी विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करनी होगी। तभी वे मुख्यमंत्री के पद पर बनी रह सकती है वरना उन्हें कुर्सी त्यागनी पड़ेगी।

इसी बाबत टीएमसी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में सांसद सौगत रॉय, सुखेंदु शेखर, जौहर सरकार, सजदा अहमद, और महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी।

संवैधानिक प्रावधान के अनुसार ममता बनर्जी को 5 नवंबर के पहले निर्वाचित होना होगा। इसलिए, जल्द उपचुनाव कराने की मांग पर टीएमसी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों चुनाव आयोग से मुलाकात कर चुका है। लेकिन, अभी तक कोई समाधान सामने निकलकर नहीं आए हैं। करीब 70 दिनों के भीतर ममता विधानसभा का सदस्य नहीं बनती हैं तो फिर उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।

23 अगस्त को ही ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले नियंत्रित हैं और राज्य में जल्द से जल्द उपचुनाव कराए जाने की तारीखों की घोषणा की जानी चाहिए।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम की विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हार गईं थी। अब उनकी सीएम की कुर्सी पर खतरे का बादल मंडरा रहे हैं।