भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव कब खत्म होगा कोई नहीं जानता है। मई माह से जारी तनाव 15 जून को उस समय हिंसक हो गया था जब इंडियन आर्मी और पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई
चांग ने आगे लिखा, गलवान घाटी हिंसा में माना जाता है कि चीन के 43 सैनिक मारे गए थे। लेकिन यह आंकड़ा 60 तक हो सकता है। भारतीय जवानों ने इतनी बहादुरी के साथ जवाब दिया था कि चीन कभी अपनी हार स्वीकार नहीं करेगा।’
उन्होंने लिखा है कि पिछले एक माह में भारत जितना आक्रामक हुआ है, 50 साल पहले कभ्भी नहीं था। भारत ने हाल ही में उन ऊंची चोटियों पर अपना कब्जा किया है जो चीन के कब्जे में थीं।
चीन की सेनाएं हैरान हैं कि आखिर भारतीय जवान कैसे उन रणनीतिक जगहों पर पहुंच सकते हैं। चांग के मुताबिक चीन के शासक राष्ट्रपति शी जिनपिंग जानते हैं कि उनके खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ा जा चुका है। उन्हें इस बात की चिंता है कि उनके दुश्मन इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
द चाइनीज आर्मी फ्लॉप्स इन इंडिया’ टाइटल के साथ गॉर्डन सी चांग ने एक आर्टिकल लिखा है। इस आर्टिकल में उन्होंने चीनी मिलिट्री को भारत के खिलाफ फ्लॉप करार दे दिया है।
उन्होंने लिखा है कि चीन में एक और बड़ा उलटेफेर होने को है। अपने आर्टिकल में ही एक जगह उन्होंने लिखा है, ‘मई की शुरुआत में शुरू टकराव ने दिल्ली में सरकार को हैरान कर दिया था।
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दक्षिण में चीनी सेनाएं काफी मजबूती से सामने आईं। सीमा का निर्धारण ठीक प्रकार से नहीं हुआ है।’ उन्होंने आगे लिखा है, ’15 जून को गलवान घाटी में एक बार और चीन ने भारत को हैरान किया। एक पूर्वनियोजित कदम के तहत चीन की सेना ने भारत के 20 सैनिकों को मार दिया। दोनों देशों के बीच यह 45 वर्षों में हुआ सबसे बड़ा टकराव था।’
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव कब खत्म होगा कोई नहीं जानता है। मई माह से जारी तनाव 15 जून को उस समय हिंसक हो गया था जब इंडियन आर्मी और पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई
। इस हिंसा में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए तो वहीं चीन को भी खासा नुकसान हुआ। हालांकि चीन ने मारे गए सैनिकों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी। अब अमेरिकी मैगजीन न्यूजवीक में दावा किया गया है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा में मारे गए पीएलए सैनिकों का आंकड़ा 60 तक हो सकता है।