6 प्रकार के हुए कोरोना वायरस, वैज्ञानिकों ने दिया ये बड़ा सबूत, कहा पहले होता…

वहीं चौथे, पांचवे और छठे प्रकार के केस में ये आंकड़े 8.6%, 9.9% व 19.8% पाए गए हैं। शोध के सह-लेखक क्लेयर स्टीव्स ने कहा, संक्रमण की चपेट में आने के पांचवें दिन यदि यह पता लगा लिया जाए कि वायरस किस कैटेगरी का है, तो समय रहते मरीज को सही इलाज दिया जा सकता है।

 

पहले प्रकार के वायरस से संक्रमित 1.5% मरीज, दूसरे प्रकार के मामलों में 4.4% मरीज और तीसरे प्रकार के मामलों में सिर्फ 3.3% मरीजों को सांस लेने में सहायता दिए जाने की जरूरत होती है।

चौथे, पांचवें व छठे प्रकार से थकावट, चक्कर, सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। सेहत से जुड़ी वेबसाइट मेडआरजिव पर छपे शोध के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने वायरस से जूझ रहे 1600 मामलों का विश्लेषण किया। छठे वायरस की चपेट में आए मरीज में सांस लेने की समस्या कई गुना अधिक हो सकती है

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोविड-19 के छह अलग-अलग प्रकार हैं, लेकिन सिर दर्द और गंध महसूस करने की शक्ति में कमी वायरस के सभी लक्षणों में समान है।

शुरुआती दो सबसे कम खतरनाक वायरस की चपेट में आने से फ्लू जैसे लक्षण सामने आते हैं और जरूरी नहीं कि बुखार हो। जबकि तीसरे प्रकार के वायरस में डायरिया के लक्षण हो सकते हैं।