5जी नेटवर्क हाई स्पीड के साथ दे सकता हैं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियो को…

भारत समेत पूरी संसार में नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क 5जी पर तेजी से कार्य प्रारम्भ हो गया है. सैमसंग ने जहां अपना 5जी Smart Phone मार्केट में उतार दिया है, वहीं कई कार कंपनियां 5जी इंटरनेट कनेक्टेड कार मार्केट में पेश कर रही हैं. चीन ने 5जी के व्यवसायिक प्रयोग को हरी झंडी भी दे दी है. ऐसे में इसे चाइना के टेलीकॉम क्षेत्र में एक नए युग का शुरुआत बोला जा रहा है. 5जी की स्पीड को लेकर भी बोला जा रहा है कि सेकेंडों में बड़ी-से-बड़ी फाइलें डाउनलोड्स हो जाएंगी, लेकिन इन सबके बीच 5जी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को लेकर भी चर्चा हो रही है. यहां तक बोला जा रहा है कि 5जी नेटवर्क से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं. तो आइए स्वास्थ्य पर पड़ने वाले 5जी के असर के बारे में विस्तार से जानते हैं-

रशियन टाइम्स चैनल ने चलाया स्पेशल प्रोग्राम

रशियन टाइम्स चैनल ने कुछ दिन पहले ही अपने एक कार्यक्रम में 5जी को इंसानों  जीवों के लिए खतरा बताया. चैनल के पैनल में बैठे एक्सपर्ट्स ने दावा किया कि 5जी से देश की भी सुरक्षा को खतरा है  इसका इंसानों की स्वास्थ्य पर बहुत ही खतरनाक असर पड़ेगा. चैनल के रिपोर्ट में दिखाया गया था कि 5जी के रेडिएशन की वजह से दिमागी कैंसर, बांझपन अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, हालांकि वैज्ञानिकों ने चैनल के इस दावे की पुष्टि नहीं की है  ना ही चैनल ने अपने दावे को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक तर्क पेश किया है.
सभी मोबाइल फोन में उपयोग किए जाने वाले विद्युत चुम्बकीय विकिरण को लेकर भिन्न-भिन्न राष्ट्रों  लोगों की भिन्न-भिन्न राय हैं. कई एक्सपर्ट्स का दावा है कि 5जी के कारण कई प्रकार के कैंसर हो सकते हैं. वर्ष 2014 में दुनिया स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी रिपोर्ट में बोला था कि मोबाइल फोन के नेटवर्क से स्वास्थ्य को लेकर कोई खतरा नहीं है, हालांकि, WHO ने इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के हवाल से यह भी बोला है कि रेडियो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन की वजह से कैंसर होने कि सम्भावना है. बता दें कि मोबाइल सिग्नल रेडियो फ्रीक्वेंसी पर ही कार्य करते हैं.
आप में से अधिकांश लोग जानते होंगे कि एक्सरे, एफएम रेडियो  कंप्यूटर से विकिरण निकलते हैं. ये विकिरण दो प्रकार के होते हैं. पहला आयोनाइजिंग  दूसरा  नॉन आयोनाइजिंग.नॉन आयोनाइजिंग विकिरण निर्बल होते हैं  ये मानव शरीर को केमिकल बॉन्ड्स को तोड़ने में सक्षम नहीं होते. एफएम रेडियो, मोबाइल  वाई-फाई नॉन आयोनाइजिंग की श्रेणी में आते हैं. वहीं आयोनाइजिंग श्रेणी में एक्सरे  गामा किरणें आती हैं जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं. अब इस हिसाब से 5जी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक नहीं है लेकिन चौबीसों घंटे 5जी नेटवर्क के करीब होना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है.