4 जनवरी को खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन, सरकार ने जारी किया ये…

किसानों की सात सदस्यीय कमेटी द्वारा शनिवार दोपहर दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की पत्रकार वार्ता में बीएस राजेवाल, दर्शन पाल, गुरुनाम सिंह, जगजीत सिंह, शिव कुमार शर्मा कक्का व योगेन्द्र यादव शामिल रहे।

 

किसान नेताओं ने साफ कहा कि अगर चार जनवरी को किसानों की बात नहीं मानी जाती है तो आंदोलन औऱ तेज किया जाएगा। 30 दिसम्बर को जिस मार्च को टाल दिया गया था, उस पर राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर से किसान अगले हफ़्ते आगे बढ़ेंगे। छह जनवरी से 20 जनवरी के बीच देशभर में किसान जन जागृति अभियान चलाया जाएगा।

केंद्र के तीन नय कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों का धरना शनिवार को 38वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच शनिवार को किसान संयुक्त मोर्चा ने ऐलान किया है कि अगर चार जनवरी को सरकार के साथ वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकलता है तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।

साथ ही 15 जनवरी तक भाजपा नेताओं का घेराव, 23 जनवरी को सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन पर विभिन्न राज्यों में राज्यपाल भवन तक मार्च निकाला जाएगा।

इसके बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में किसानों का ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इस दौरान 18 जनवरी को देशभर की महिला किसानों का एकत्रीकरण होगा और महिलाएं खुलकर किसान आंदोलन का चेहरा बनेंगी।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोल जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि जिस सकारात्मक सोच के साथ पिछली बैठक हुई है तो मुझे आशा है कि 4 जनवरी को होने वाली बैठक में हल निकलेगा और यह आंदोलन भी खत्म हो जाएगा।

क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि 23 जनवरी को हम विभिन्न राज्यों में राज्यपालों के भवनों की ओर मार्च करेंगे और ‘ट्रैक्टर किसान परेड’ 26 जनवरी को दिल्ली में आयोजित की जाएगी।