नोएडा क्षेत्र में 3870 करोड़ रुपये पंूजी निवेश के साथ 48512 लोगों को मिलेगा रोजगार

नोएडा में अडानी इन्टप्राइजेज, डिक्सन टेक्नालाॅजी सहित 13 निवेशकों को
199848 वर्गमीटर भूमि का आवंटन

नोएडा क्षेत्र में 3870 करोड़ रुपये पंूजी निवेश के साथ 48512 लोगों को मिलेगा रोजगार

अडानी गु्रप को  39146 वर्गमीटर का भूखण्ड आवंटित, कंपनी 2500 करोड़ रुपये की
लागत से स्थापित करेगी डाटा सेन्टर

डिक्सन टेक्नालाॅजी इण्डिया लि0 को 21000 वर्गमीटर भूखण्ड आवंटित, डिक्सन करेगी
270 करोड़ रुपये का निवेश, 9000 लोगों को रोजगार के अवसर होंगे सुलभ

अग्रवाल एसोसिएट्स प्रमोटर्स लि0 55000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में स्थापित करेंगा  आई0टी/आई0टी0ई0एस0 पार्क, 30 हजार को मिलेगा रोजगार

माइक्रोसाफ्ट इण्डिया 60 हजार वर्गमीटर भूमि पर 2500 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित करेगा आईटी/आईटीईएस प्रोजेक्ट परिसर
-श्री सतीश महाना
लखनऊ, दिनांकः 16 अप्रैल, 2021
उत्तर प्रदेश सरकर कोरोना संकट के काल में भी आौद्योगिक विकास की गति को और तेजी से आगे बढ़ाने में लगी है। औद्योगिक नगरी नोएडा में अडानी इन्टप्राइजेज लि0, डिक्सन टेक्नालाॅजी इण्डिया लि0 सहित 13 निवेशकों को लगभग 199848 वर्गमीटर भूमि के आवंटन की संस्तुति प्रदान कर दी गई है। इससे नोएडा क्षेत्र में 3870 करोड़ रुपये का पंूजी निवेश होगा और लगभग 48512 लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होंगे।
यह जानकारी औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि  विश्व की अग्रणी कम्पनी अडानी गु्रप को नोएडा क्षेत्र में 39146 वर्गमीटर का भूखण्ड आवंटित किया गया है। अडानी गु्रप द्वारा इस भूमि पर 2500 करोड़ रुपये के लागत से डाटा सेन्टर स्थापित किया जायेगा। नोएडा में डाटा सेंटर स्थापित होने से क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। साथ-साथ प्रत्यक्ष रूप में 1160 और अप्रत्यक्ष तौर से बड़ी संख्या में लोगांे को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार देश की अग्रणी इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी डिक्सन टेक्नालाॅजी इण्डिया लि0 को मोबाईल फोन उत्पादन की परियोजना स्थापित करने हेतु नोएडा के सेक्टर-151 में 21000 वर्गमीटर भूखण्ड आवंटित किया गया है।  डिक्सन टेक्नालाॅजी 270 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इससे करीब 9000 लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। उन्होंने बताया कि अग्रवाल एसोसिएट्स प्रमोटर्स लि0 को भी नोएडा के सेेक्टर-140 में 280 करोड़ रूपये के निवेश से आई0टी/आई0टी0ई0एस0 पार्क की स्थापना हेतु 55000 वर्गमीटर क्षेत्रफल का भूखण्ड दिया गया है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर लगभग 30 हजार रोजगार का सृजन होगा।
श्री महाना ने बताया कि इनके अलावा वेबटेक्स्ट प्रोजेक्ट प्रा0 लि0, इक्काइन टेक न्यूट्री केयर, आरएएफ स्टेशनरी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, रोटो पम्पस लिमिटेड, के0के0 फै्रग्रन्स, सावि लेदरर्स, मिठास स्वीट्स एण्ड रेस्टोरेंट, एडोराटेक्स, वेस्टवे इलेक्ट्रानिक्स तथा धामपुर एल्को केमिकल प्रा0 लि0 को भी भूमि आवंटित कर दी गई है। यह कम्पनियां मोबाइल फोन, टेलीविजन, वाशिंग मीशन, लैपटाॅप, एयर कन्डीशन, होम टेक्सटाइल्स, फर्नीचर, हैण्डीग्राफ्ट, माउथ फ्रेशर, मिठाईयां, खाद्य प्रसंस्करण, चीनी तथा गुड के उत्पाद, पशु आहार, पेपर प्रोडेक्ट्स एवं रेडीमेड गारमेंट सहित भिन्न-भिन्न प्रकार के उत्पाद का उत्पादन करेंगी। उन्हांेने बताया कि योजना में विभिन्न क्षेत्रफल श्रेणियों में भूखण्ड आवंटन हेतु कुल 66 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। सभी का साक्षात्कार हुआ। साक्षात्कार तथा निर्धारित आॅब्जेक्टिव क्राईटेरिया के आधार पर आवंटन समिति द्वारा दिये गये अंको के आधार पर भूखण्ड का आवंटन किया गया है।
श्री महाना ने बताया कि इसके अतिरिक्त विभिन्न जनपदों में 15 अन्य निवेशकों को भूमि आवंटन की कार्यवाही तीव्र गति से चल रही है। इससे लगभग 13400 करोड़ का निवेश होगा और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि इसमें माइक्रोसाफ्ट इण्डिया नोएडा में 2500 करोड़ रुपये के निवेश से आईटी/आईटीईएस प्रोजेक्ट परिसर स्थापित करेगी। इसके लिए कंपनी द्वारा भूमि चिन्हित की जा चुकी है। भूमि का आवंटन जल्द ही कर दिया जायेगा। कंपनी ने 60 हजार वर्गमीटर भूमि के आवेदन किया है। इस परियोजना के शुरू होने से लभग 3500 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
श्री महाना ने बताया कि इसी प्रकार ग्रेटर नोएडा में हीरानंदानी गु्रप द्वारा 6000 करोड़ रुपये का निवेश कर गु्रप डाटा सेंटर स्थापित किया जायेगा। नेटमैजिक आईटी सर्विसेस 1500 करोड़ रुपये से डाटा सेंटर, संकवांग इण्डिया इलेक्ट्रानिक्स 318 करोड़ की लागत से मोबाइल फोन कवर का प्लांट तथा अंबिका इन्फ्राटेक 225 करोड़ रुपये की लागत से मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगायेगी। उन्होंने बताया कि नोएडा में एसटीटी जीडीसी डाटा सेंटर के लिए 900 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके अतिरिक्त यमुना औद्योगिक क्षेत्र में सूर्या ग्लोबल 953 करोड़ रुपये, जेके सीमेंट हमीरपुर में 384 करोड़ रुपये, एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड्स चित्रकूट में 375 करोड़ रुपये, लेट्रिक वोव आगरा में 300 करोड़ रुपये, ब्रिटानियां बाराबंकी में 300 करोड़ रुपये, फाॅरइवर डिस्टलरी देवरिया में 185 करोड़ रुपये, गोदरेज एग्रो बाराबंकी में 70 करोड़ रुपये सीएचडब्ल्यू डासना गाजियाबाद में 50 करोड़ तथा वेस्टवे इलेक्ट्रानिक्स नोएडा में 25 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

दो नवीन सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से 2.50 लाख कृषक लाभान्वित होगें

लखनऊ, दिनांकः 16 अप्रैल, 2021

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा संचालित नवीन सिंचाई परियोजना कनहर से जनपद सोनभद्र में सूखाग्रस्त आदिवासी बहुल्य क्षेत्र दृद्धी एवं राबर्टसगंज तहसील में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कार्य किया जा रहा है। परियोजना पूर्ण होने पर 35467 हे0 सिंचन क्षमता सृजित होगी तथा 53000 कृषक लाभान्वित होगें।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इसी प्रकार उमरहठ पम्प नहर परियोजना से जनपद कानपुर, देहात में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कार्य किया जा रहा है परियोजना पूर्ण होने पर 19630 हे0 सिंचन क्षमता सृजित होगी और 1,97,000 कृषक लाभान्वित होगें।
सिंचाई विभाग द्वारा इन दोनो नवीन परियोजनाओं पर तेजी से कार्य कराया जा रहा हैं। राज्य सरकार इनको जल्दी से जल्दी पूरा कराकर किसानों को भरपूर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कोरोना महामारी के इलाज एवं बचाव के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था हेतु दी 01 करोड़ रुपए की धनराशि
लखनऊ, दिनांकः 16 अप्रैल, 2021
उत्तर प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कोरोना महामारी से बचाव एवं इलाज हेतु आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था हेतु आज अपने विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि से 01 करोड़ रुपए की धनराशि देने की घोषणा की है। उन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को और अधिक बेहतर इलाज एवं सुरक्षा दिए जाने हेतु आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था किए जाने हेतु यह धनराशि दी है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि दो गज की दूरी, मास्क का जरूरी अनुपालन कर स्वयं को तथा दूसरों को सुरक्षित रखते हुए प्रदेश सरकार की इस वैश्विक महामारी के खिलाफ संघर्ष में अपना सहयोग प्रदान करें और सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा है कि इस वैश्विक महामारी की लड़ाई में सुरक्षा और बचाव ही सबसे बड़ा हथियार हैं। सरकार द्वारा कोरोना से बचाव हेतु जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।

प्रान्तीय हज समिति के अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन आदि के भुगतान हेतु
एक करोड़ 10 लाख से अधिक की धनराशि स्वीकृत
लखनऊ, दिनांकः 16 अप्रैल, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रान्तीय हज समिति के अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन आदि के भुगतान हेतु (प्रथम किश्त) के रूप में 1,10,77,000 रूपये (एक करोड दस लाख सतहत्तर हजार रू0) की स्वीकृति प्रदान की है। इसका शासनादेश 09 अप्रैल, 2021 को जारी कर दिया गया है।
शासनादेश में इस धनराशि को कार्यपालक अधिकारी उ0प्र0 राज्य हज समिति, लखनऊ के निवर्तन पर रखते हुए अग्रेतर कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर दिये गये है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वर्ष 2021-22 “पर ड्राप मोर क्राप” के अन्तर्गत गन्ना विकास विभाग द्वारा उद्यान विभाग की सहभागिता से लगवाये जायेंगे ड्रिप सिंचाई संयंत्र

आर्थिक रूप से पिछड़े, सीमान्त कृषकों हेतु 80 प्रतिशत अनुदान दर पर 23,674 हेक्टेयर एवं अनुसूचित जातिध्जनजाति हेतु 90 प्रतिशत अनुदान दर पर 6,326 हेक्टेयर कुल 30,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप सिंचाई संयंत्र की स्थापना हेतु लक्ष्य निर्धारित

30 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप इरीगेशन पद्धति को अपनाने से 150 करोड़ लीटर भू-जल दोहन रुकेगा व लगभग 11,25,000 यूनिट विद्युत की बचत होने से कृषकों को लगभग 33.75 लाख रूपये की बचत भी होगी

ड्रिप इरीगेशन से क्षारयुक्त भूमि व कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी गन्ना खेती संभव
लखनऊः 16 अप्रैल, 2021
प्रदेश के आर्थिक रूप से पिछड़े विशेषकर लघु तथा सीमान्त गन्ना किसानों एवं अन्य वर्गो के कृषकों के हित के प्रति अत्यन्त सजग मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से तथा मा. मंत्री, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, श्री सुरेश राणा के निर्देश पर गन्ना विकास विभाग ने गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने तथा खेती की लागत कम करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। जिसके तहत गन्ना खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग एवं सिंचाई हेतु ‘‘ड्रिप इरीगेशन‘‘ विधि को बढावा देने से गन्ना खेती की लागत कम करने का प्रयास हो रहा है।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ’’पर ड्राप मोर क्रॉप (माईक्रोइरीगेशन) योजना के अन्तर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े लघु, सीमान्त कृषकों हेतु 80 प्रतिशत अनुदान दर पर 23,674 हेक्टेयर एवं अनूसूचित जातिध्जनजाति वर्गो हेतु 90 प्रतिशत अनुदान दर पर 6,326 हेक्टेयर कुल 30,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की फसल हेतु ड्रिप सिंचाई संयंत्र की स्थापना का लक्ष्य विभागीय अधिकारियों के लिए निर्धारित किया गया है।
ड्रिप सिंचाई प्रणाली के संबंध में तकनीकी जानकारी प्रदान करते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया कि सिंचाई जल एक क्रिटिकल रिसोर्स है तथा गन्ना की फसल की बुवाई से लेकर काटने तक लगभग 1800-2200 मिमी. पानी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार गन्ने की फसल हेतु औसतन 2,000 मिमी. पानी की आवश्यकता मानने पर 01 हेक्टेयर में गन्ना उत्पादन हेतु लगभग 02 करोड़ ली. पानी की आवश्यकता होगी। इसमें से लगभग 50 प्रतिशत पानी की आवश्यकता की पूर्ति वर्षा जल से हो जाती है जबकि शेष 01 करोड़ लीटरध्हेक्टेयर पानी की पूर्ति सिंचाई द्वारा गन्ना फसल में की जाती है। इस प्रकार 30 हजार हेक्टेयर में गन्ना उत्पादन हेतु 03 खरब लीटर (300 करोड़ लीटर) पानी सिंचाई के माध्यम से देने की आवश्यकता पड़ती है। ड्रिप सिंचाई विधि को अपनाने से लगभग 50 प्रतिशत सिंचाई जल की बचत होती है अर्थात प्रति हेक्टेयर लगभग 50 लाख लीटर पानी और 30 हजार हेक्टेयर में लगभग 1.5 खरब (150 करोड़ लीटर) पानी की बचत होगी। अर्थात 30 हजार हेक्टेयर में ड्रिप इरीगेशन पद्धति द्वारा सिंचाई करने से लगभग 150 करोड़ लीटर भू-जल का दोहन रुकेगा। इस 150 करोड़ लीटर पानी को निकालने के लिए एक 10 होर्स पॉवर के विद्युत मोटर को लगभग 15,000 घंटे चलाना पड़ेगा, जिसके लिए 11,25,000 यूनिट (किलोवाट) विद्युत की आवश्यकता पड़ती है, इस विद्युत की बचत से कृषकों को लगभग 33.75 लाख रूपये की बचत भी होगी। इस प्रकार 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप इरीगेशन पद्धति को अपनाने से 150 करोड़ लीटर भू-जल दोहन रुकेगा व लगभग 11,25,000 यूनिट (किलोवाट) विद्युत की भी बचत होगी।
गन्ना आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि माइक्रोप्लान तैयार कर कृषकों को ड्रिप सिंचाई संयंत्रों की स्थापना हेतु प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने यह भी बताया कि ड्रिप सिंचाई से उर्वरकों एवं कीटनाशकों की खपत में उल्लेखनीय बचत होती है, फलस्वरूप गन्ने की उत्पादन लागत में उल्लेखनीय कमी आती है और गन्ना उत्पादन तथा कृषकों की आय में 20 प्रतिशत तक वृद्धि होती है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने ज्ञळडन्ए लखनऊ में लगवाया कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज
लखनऊ, दिनांकः 16 अप्रैल, 2021
उत्तर प्रदेश के वित्त,संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज ज्ञळडन्, लखनऊ में कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।
श्री खन्ना ने अपील की है कि सभी लोग अपनी बारी के अनुसार निःसंकोच स्वदेशी वैक्सीन लगवाएँ एवं कोरोनामुक्त समाज बनाने में सहभागी बनें। सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु जारी प्रोटोकाल का पालन करें ।