26 नवंबर को देश भर से 10 लाख किसान पहुंचेंगे दिल्ली, 2 दिन तक करेंगे ये…

किसानों के इस आंदोलन का मजदूर संगठनों ने भी समर्थन किया है. उन्होंने बताया कि 26 नवंबर को होने वाली मजदूर हड़ताल का भी किसान संगठनों ने समर्थन किया है.

इस तरह से पहली बार देश के किसान और मजदूर एक साथ केंद्र की सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. सु पाटकर ने बताया कि आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 जैसे कानून जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ा देंगे.

जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए रोजमर्रा की जरुरी चीजें और भी मंहगी हो जायेंगी. साथ ही नया बिजली संशोधन बिल 2020 बिजली के निजीकरण को बढ़ावा देगा और इसे मंहगा करेगा.

पत्रकार वार्ता में किसान संघर्ष समिति मालवा निमाड़ के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि पहली बार देश के किसान और मजदूर एकजुट होकर नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध कर रहे हैं इस सरकार ने वर्षों के संघर्ष के बाद हासिल किए गए श्रम कानूनों और श्रम अधिकारों को जमींदोज करते हुए श्रमिकों को बंधुआ बनाने की साजिश रची है.

वहीं किसान और किसानी को बर्बाद करने का संकल्प लिया है. इसी के तहत पूरे देश में किसानों में आक्रोश है और 26व 27 तारीख को ‘घेरा डालो, डेरा डालो’ के तहत देश के कोने-कोने से लाखों किसान दिल्ली पहुंचेंगे.

सु मेधा पाटकर ने कहा ‘कि केंद्र सरकार (Central Government)(Central Government) द्वारा हाल ही में कोरोना संक्रमण की आपदा को देशी विदेशी कारपोरेट के लिए मुनाफा कमाने के अवसर में तब्दील कर दिया है, देश के लाखों श्रमिकों के मूलभूत अधिकारों में कटौती करते हुये 44 से ज्यादा श्रम कानूनों को निरस्त कार आचार संहिता लागू कर पूंजीपतियों और उद्योग मालिकों के अनुरुप बना दिया है.

वहीं कृषि सुधार के नाम पर तीन किसान विरोधी कानून संसद में अलोकतांत्रिक तरीके से पास किये गये हैं जिसके तहत पहले से ही बड़ी बड़ी कम्पनियों के मुनाफे के जाल में फंसा किसान अब पूरी तरह इन कम्पनियों की गिरफ्त में आ जायेगा. सु पाटकर ने कहा कि देश के कोने-कोने से 26 नवंबर को करीब 10 लाख से ज्यादा किसान दिल्ली पहुंचेंगे तथा ‘घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन’ करेंगे.

देशभर के 500 से ज्यादा किसान संगठनों के व्यापक समन्वय के लिए गठ‍ित ‘आल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति’ की वर्किंग कमेटी की सदस्य और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री सु मेधा पाटकर और अन्य किसान संगठनों व्दारा आज इन्दौर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान देश के मजदूर, किसान एवं आम जनता से आगामी 26 नवम्बर को ‘देशव्यापी मजदूर-किसान हड़ताल’ को समर्थन देने और 26-27 नवम्बर को ‘किसान आंदोलन दिल्ली चलो..’ में भागीदारी की अपील की.