26 दिनों तक धरने पर बैठी थीं ममता बनर्जी

13 वर्ष पहले सिंगूर भूमि अधिग्रहण मामले के वक्त ममता बनर्जी अपने इसी रूप में नजर आई थीं. उस समय पूरे राष्ट्र में दीदी के नाम से मशहूर ममता वर्ष 2006 में लगातार 26 दिन तक धरने पर बैठी थीं. वह टाटा नैनो कार प्रोजेक्ट के लिए सिंगूर में होने वाले भूमि अधिग्रहण का विरोध करने के लिए वह धरने पर बैठी थीं. ममता की कोशिशों  अन्य अवरोधों के चलते टाटा को सिंगूर प्रोजेक्ट से अपने हाथ खींचने पड़े थे. वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की जनता ने इन प्रयासों के ईनाम के तौर पर उन्हें राइटर्स बिल्डिंग यानी सचिवालय पहुंचा दिया था.

अब एक बार फिर रविवार रात को वह मेट्रो चैनल में धरने पर बैठ गई हैं. इस बार उनकी मांग है कि मोदी गवर्नमेंट द्वारी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग बंद हो. ममता ने पत्रकारों से कहा, ‘यह अभूतपूर्व है. वह बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए इन बहानों का प्रयोग कर रहे हैं. यह किसी तख्तापलट से कम नहीं है. यह सुपर इमरजेंसी है.

ममता ने आगे कहा, ‘वह सबकुछ गब्बर स्टाइल में नियंत्रित करना चाहते हैं. यह संवैधानिक संकट है. संविधान की रक्षा किए जाने की आवश्यकता है. वे किसी भी वस्तु का सहारा ले सकते हैं. इसे रोका जाना चाहिए  इसलिए मैं सत्याग्रह कर रही हूं. केवल बंगाल में ही यह खतरा नहीं है, इसका सामना हर कोई कर रहा है. वह राजनीतिक प्रतिशोधी हैं. हमारे पास विशिष्ट इनपुट हैं कि वे कोलकाता में सांप्रदायिक तनाव को भड़काएंगे. मैं चाहती हूं कि सभी एकजुटता के साथ अपनी आवाज बुलंद करें.

राज्य में हाल में हुई रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी  बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ममता बनर्जी को करप्शन के मामले में घेरने की प्रयास की थी. CM बनर्जी लगातार चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियों के होने वाले दुरुपयोग को लेकर बोलती रही हैं. रविवार को उन्होंने कहा, ‘क्या आपने दुर्गापुर में पीएम द्वारा प्रयोग की गई भाषा पर ध्यान दिया? क्या यह शिष्टाचार है? वह राष्ट्र के संघीय ढांचे के लिए खतरा हैं. मैं लंबे समय तक सांसद रही हूं. मैंने उस तरह की भाषा का कभी प्रयोग नहीं किया जैसी कि मेरे विरूद्ध हो रही है. मैं एक महिला होने के नाते यह कभी नहीं कहती. वे संस्थानों को नष्ट करने पर तुले हुए हैं. मैं इससे बहुत दुखी हूं  इसके विरूद्ध तबतक धरना करुंगी जबतक यह रुक नहीं जाता.

आम चुनाव के मद्देनजर रविवार को हुई घटना को राजनीतिक गलियारों में बहुत ज्यादा जरूरी माना जा रहा है. करोड़ो रुपये के पोंजी मामलों की जांच में तेजी लाने को राज्य गवर्नमेंटके पर काटने के तौर पर देखा जा रहा है. बीते गुरुवार को CBI ने मानिक मजूमदार को अरैस्ट किया था जो बनर्जी की लंबे समय से सेवा में रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि CM का मानना है कि उनकी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए मुकुल रॉय बंगाल में बीजेपी की चुनावी पैंतरेबाजी में मदद कर रहे हैं. वह उन पुलिस अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं जो ममता के करीबी हैं.