25 अगस्त से 08 सितंबर तक बनाते है नेत्रदान पखवाड़ा

हर वर्ष नेत्रदान पखवाड़ा (Eye Donation Week) 25 अगस्त से 08 सितंबर तक मनाते हैं. इसका उद्देश्य नेत्रदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना  कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बारे में लोगों को जागरूक करना है.

ये कर सकते आंखें दान –
किसी भी आयु के आदमी की स्वस्थ आंखों का कॉर्निया प्रत्यारोपित होने कि सम्भावना है.जिनकी मौत आकस्मिक दुर्घटना, हार्ट अटैक या लकवे से हुई है उनका कॉर्निया श्रेष्ठ, जिनकी मौत ब्लड प्रेशर, मधुमेह, अस्थमा या हृदयरोग के कारण हुई है उनका कॉर्निया उत्तम माना जाता है.

सेप्टीसीमिया, वायरल संक्रमण, जलकर, डूबकर, जहर खाकर, फांसी से, टीबी, क्रॉनिक बुखार, सिफलिस, एड्स से हुई मौत के आदमी का कॉर्निया उपयोगी नहीं होता.

एक कॉर्निया, कई फायदा –
भारत में हर वर्ष 1 करोड़ लोगों की मृत्यु होती है जबकि सिर्फ 45 हजार आंखें दान होती हैं.रिसर्च कहती है कि एक कॉर्निया चार लोगों को नेत्र ज्योति दे सकता है.

पारदर्शी पुतली लगाई जाती है-
कॉर्निया प्रत्यारोपण (किरेटोप्लास्टी) में पारदर्शी पुतली प्रत्यारोपित करते हैं. यह खास प्रकार की माइक्रोस्कोपिक सर्जरी है जिसमें दान की हुई आंख से पारदर्शी कॉर्निया निकालकर मरीज के अपारदर्शी कॉनिया की स्थान लगा देते हैं. हिंदुस्तान में कॉर्निया की खराबी से अंधता (कॉर्नियल ब्लाइंडनेस) के मुद्दे ज्यादा सामने आ रहे हैं.

नेत्रदान कब  कैसे –
मृत्यु के बाद 6 घंटे के अंदर मौत की सूचना आई हॉस्पिटल, आई बैंक या प्रमुख सरकारी नेत्र विशेषज्ञों को फोन से देनी होती है. नेत्र विभाग का कोई चिकित्सक या प्रशिक्षित आई बैंक टेक्नीशियन, आदमी के घर जाकर मृतक की आंख का कॉर्निया निकालकर खाली स्थान पर आर्टिफिशियल कॉन्टेक्ट लैंस लगा देता है. ताकि नेत्रदान करने वाले का चेहरा विकृत न दिखे. यह निःशुल्क है.