23 जनवरी को पूरे भारत में होंगा ये, सरकार ने जारी किया आदेश

इससे पहले, सुभाष चंद्र बोस नेता जी के 125वीं जयंती को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी वीरता सर्वविदित है। नेताजी जैसे स्कॉलर, सोल्जर और स्टेट्समैन की 125वीं जयंती से जुड़े कार्यक्रमों की घोषणा हम जल्द करेंगे। स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए केंद्र सरकार ने गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

 

जानकारी के लिए बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था। बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था।

जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वक़ील थे। सुभाष चंद्र उनकी नौवीं संतान और पाँचवें बेटे थे। 18 अगस्त 1945 को ताइपे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु विमान दुर्घटना से हो गई थी। लेकिन क्या उनकी सच में मृत्यु हुई थी, ये गुत्थी सुलझ नहीं सकी।

भारत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों ने खुशी जताई है। इस खास मौके पर नेताजी के परपोते ने खुशी जताते हुए कहा कि भारत नेताजी सुभाष चंद्र बोस के कारण आज़ाद हुआ।

काफी सालों से भारत की जनता नेताजी का जन्मदिन देश प्रेम दिवस के रूप में मना रही है। इस घोषणा से हम खुश हैं लेकिन अगर भारत सरकार 23 जनवरी के दिन को देश प्रेम दिवस के रूप में घोषणा करती तो ज़्यादा उपयुक्त होता।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख चेहरों में एक चेहरा सुभाष चंद्र बोस का है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को लेकर भारत सरकार ने बड़ा एलान किया है। 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को अब से ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस बात की जानकारी संस्कृति मंत्रालय की ओर से दी गई है।