26 जनवरी को किसान करने वाले है ये काम, हो रही तैयारी…

किसान तीनों नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। एमएसपी को लेकर भी किसान सरकार से नाराज हैं। किसानों की मांग है कि इन कानूनों को वापस लिया जाए। सरकार और किसान संगठनों के बीच इस मुद्दे पर कई दौर की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई।

फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है। सुप्रीम कोर्ट के कमेटी वाले फैसले पर भी किसान संगठन संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों ने लोहड़ी पर कृषि कानून की प्रतियां जलाई और आंदोलन को और तेज करने की अपील की।

जबकि सरकार लिखित एमएसपी समेत उनकी किसानों की कुछ मांगों पर सहमति हो चुकी थी संशोधन के लिए भी तैयार है. लेकिन किसान कानून वापसी चाहते हैं, तो सरकार इसके पक्ष में नहीं है. जिससे दोनों के बीच डेड लॉक की स्थिति है.

मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं। इन कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर 50 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस मसले पर किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है। वहीं किसान सरकार के विरोध में 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च निकलाने वाले हैं।

ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसान पिछले कई दिनों से तैयारियों में लगे हैं। पहले ऐसी खबरें आई थी कि किसान लाल किले पर ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले हैं।

इस पर भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल समूह) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने किसानों को एक खुले पत्र में स्पष्ट किया है कि ट्रैक्टर मार्च केवल हरियाणा-नई दिल्ली सीमा पर होगा, लाल किले पर नहीं होगा जैसा कि कुछ नेताओं द्वारा दावा किया जा रहा है। राजेवाल ने उन किसानों को भी अलगाववादी तत्वों से दूर रहने को कहा है जो मार्च में ट्रैक्टर निकालने की कोशिश कर रहे थे।

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 50वें दिन में प्रवेश कर गया है. कड़ाके की सर्दी में हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. एमएसपी समेत कुछ सीमित मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे किसान अब इन कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हैं.