लंग्स को स्वस्थ्य रखने के लिए करे ये प्राणायाम, प्रदूषण के साथ कोरोना इंफेक्शन से रहेंगे सुरक्षित

जिन्दगी को खुबसूरत और बीमारियों से बचाने के लिए  खानपान के साथ आपको योग का भी सहारा लेना पड़ेगा। जिसमें प्राणायाम खास है, इसमें सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर फोकस किया जाता है। जिससे लंग्स को भरपूर ऑक्सीज़न मिलती है और वो सुचारू रूप से काम करते हैं।

योग आसनों में सूर्य नमस्कार, प्राणायामों में कपालभाति और ध्यान में विपश्यना का महत्वपूर्ण स्थान है। कपालभाति प्राणायाम को हठयोग में शामिल किया गया है। प्राणायामों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है। यह तेजी से की जाने वाली प्रक्रिया है। मस्तिष्क के अग्र भाग को कपाल कहते हैं और भाति का अर्थ है आंतरिक तेज या ज्योति।

विधि: सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। सांसों को बाहर छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर धक्का दें। ध्यान रखें कि सांस भीतर लेने के लिए कोई प्रयास नहीं करना है, क्योंकि इस क्रिया में सांस स्वत: ही अंदर चली जाती है।

लाभ: यह प्राणायाम आपके चेहरे की झुर्रियां और आंखों के नीचे का कालापन हटाकर चेहरे की चमक बढ़ाता है। दांतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। शरीर की चर्बी कम होती है। कब्ज, गैस, एसिडिटी की समस्या में लाभदायक है। शरीर और मन के सभी प्रकार के नकारात्मक तत्व और विचार मिट जाते हैं।

नाडिय़ों की शुद्धि और मजबूती से अन्य अंगों में शुद्धि का संचार होता है। नाडी शोधन और अनुलोम-विलोम में कोई खास फर्क नहीं है। प्रदूषित वातावरण के चलते वर्तमान में प्राणायाम का अभ्यास हमारे प्राणों के लिए आवश्यक है। आप इसका अभ्यास सूर्योदय के समय करें।