गुस्से में आकर किसानों ने उठाया ये बड़ा कदम , सरकार कर रही…पूरी कोशि…

सुप्रीम कोर्ट में प्रारंभिक हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि विरोध कर रहे किसानों की कृषि कानून को लेकर ‘गलत धारणा’ खत्म करने की जरूरत है। सरकार ने कहा है कि किसानों को लगता है कि ये कानून जल्दबाजी में बने हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।

 

 

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ये भी कहा है कि सरकार ने किसानों की गलतफहमी दूर करने की पूरी कोशिश की है। हलफनामे में सरकार ने कहा है कि किसान कोई भी निहित अधिकार इन कानूनों के जरिए छीना नहीं जा रहा है।

बता दें कि सरकार और किसानों को बीच इस मामले को लेकर आठ बार वार्ता हो चुकी है। हालांकि इन सारी बैठकों में कोई खास हसल नहीं निकला है। किसानों के साथ सरकार की अगली बैठक 26 जनवरी को है।

दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर पिछले 47 दिनों से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानून (Farm Laws) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने र्शनकारी किसानों द्वारा 26 जनवरी को ट्रेक्टर रैली निकालने की घोषणा को लेकर अर्जी दाखिल की है। कोर्ट से सरकार ने कहा है कि 26 जनवरी को किसानों के द्वारा ट्रैक्टर रैली न निकालने का आदेश सुप्रीम कोर्ट जारी करे। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर भी आज सुनवाई कर सकता है।

कृषि कानूनों और किसान आंदोलन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर आज (मंगलवार 11 जनवरी) सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। किसानों के विरोध प्रदर्शन का मंगलवार को 48वां दिन है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन ने सोमवार को सुनवाई के दौरान इस बात का संकेत दिए थे कि मामले पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुना सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी इस संबंध में सूचना दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन को लेकर अलग-अलग हिस्सों में आदेश पारित कर सकती है।

वहीं क्रेंद सरकार ने इस पूरे मामले पर प्रारंभिक हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने एक अर्जी भी डाली है, जिसमें उन्होंने 26 जनवरी को किसानों के द्वारा ट्रैक्टर रैली न निकालने का आदेश देने को कोर्ट से अपील की है।