मुरादनगर में रहने वाले फल विक्रेता जयराम की रविवार सुबह मौत हो गई थी. जयराम के परिजन और उनके जानकार मुरादनगर के श्मशान घाट में उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए थे. अंतिम संस्कार के बाद जब बारिश होने लगी तो लोग बारिश से बचने के लिए लेंटर के नीचे खड़े हो गए. उसी दौरान ये लेंटर भरभरा कर गिर गया.
श्मशान घाट की गैलरी का निर्माण लगभग 2 महीने पहले ही पूरा हुआ था और लेंटर 15 दिन पहले ही खुला था. इसके लिए 55 लाख रुपये का ठेका दिया गया था. जिस तरह की निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया, उस पर मौके पर आई एनडीआरएफ की टीम ने भी सवाल भी उठाए हैं.
रविवार को मुरादनगर के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार में जुटे लोगों पर लेंटर गिर गया था. लेंटर के मलबे में दबकर 25 लोगों की मौत हो गई जबकि 17 घायल हो गए. सभी लोग एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे. यह हादसा मुरादनगर के उखलारसी में हुआ.
गौरतलब है कि हादसे के बाद सीएम योगी अधिकारियों से बेहद नाराज चल रहे हैं. योगी ने मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए थे. कमिश्नर और गाजियाबाद के डीएम समेत कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है. सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया है.
मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने सभी आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने का आदेश दिया है. बता दें कि इस हादसे में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने नगरपालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष के अलावा ठेकेदार अजय त्यागी को गिरफ्तार किया है. अजय त्यागी पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.