सऊदी अरब में महिला को ड्राइविंग की मांग करना पड़ा भारी , मिली ये सजा

लुजैन और अन्य कार्यकर्ताओं को मई, 2018 में गिरफ्तार कर लिया गया था. वह महिलाओं पर लगे ड्राइविंग के बैन को हटाने की मांग कर रही थीं. उन पर आरोप लगे कि उन्होंने विदेशी राजनयिकों व संगठनों के खिलाफ यहां की कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का काम किया है. दो साल 10 महीने से जेल में रहने के समय को उनकी सजा से कम कर दिया जाएगा.

लुजैन और कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को गाड़ी चलाने और पुरुष अभिभावक कानून को हटाने की मांग उठाई थी. इस कानून के तहत महिलाओं को कार चलाने के लिए परिवार के पुरुष (पिता, भाई, पति) की अनुमति लेनी होती है. इनकी अनुमति के बिना वो ड्राइव नहीं कर सकतीं. हालांकि पिछले साल इस कानून में थोड़ी ढील दी गई थी.

अपने देश की मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता लुजैन को छह साल के लिए जेल में डाल दिया गया है. सऊदी अरब की एक अदालत ने सोमवार को लुजैन को पांच साल और 8 महीने की कड़ी सजा सुनाई. उन्हें कथित तौर पर आतंकवाद के खिलाफ बनाए एक कानून के तहत सजा सुनाई गई है. सऊदी के इस कदम को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत में कड़ी निंदा हो रही है.

अदालत ने उन्हें बदलाव के लिए आंदोलन, विदेशी एजेंडा, कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए दोषी माना है. उन्हें उन लोगों व प्रतिष्ठानों की मदद करने के लिए भी दोषी ठहरा गया है, जिन्होंने आतंकवाद रोधी कानून का उल्लंघन किया. लुजैन इस फैसले को चुनौती दे सकती है. उनके पास ऐसा करने के लिए 30 दिन का समय है.

सऊदी अरब (Saudi Arab) में महिलाओं को छोटी-छोटी आजादी के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. यहां महिलाओं को ड्राइविंग करने की आजादी नहीं है. उन्हें अगर कार ड्राइव करनी है, तो पुरुष अभिभावक से अनुमति लेकर उन्हें साथ रखना होता है. 31 साल की लुजैन अल-हथलौल (Loujain al-Hathloul) को इस काले कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करना का खामियाजा भुगतना पड़ा है.