अगले दो से तीन दिनों में किसान बनाने जा रहे ये रणनीति, दिल्ली बॉर्डर पर दी गई …

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, “किसान आंदोलन को आज 25 दिन हो गए हैं। किसी भी प्रकार से सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है। जिनके लिए कानून बनाए गए हैं अगर वो ही मानने को तैयार नहीं हैं तो सरकार कानून वापस ले। ईगो बनाकर कानून लोगों पर थोपे रहना और आंदोलन बढ़ाने का रवैया लोकतंत्र में ठीक नहीं है।”

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। लगातार किसानों का आंदोलन तेज हो रहा है। दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए पंजाब से हजारों और किसानों ने दिल्ली कूच किया है।

किसान नेता राकेश टिकैत और वीएम सिंह ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हो रहे किसानों के उत्पीड़न बंद करने के लिए आज 11 बजे मेरठ कमिश्नर और प्रशासनिक अधिकारियों को वार्ता करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने इस वार्ता के विफल होने पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को बंद करने की चेतावनी दी है।

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि वे आगे की रणनीति अगले दो तीन दिनों में तय करेंगे। इस हफ्ते की शुरूआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह गतिरोध के समाधान के लिए कृषि विशेषज्ञों और किसान यूनियनों का एक ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र’ समिति गठित करने पर विचार कर रहा है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि रणनीति तय करने के लिए संगठनों के बीच वर्तमान में चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर कानूनी राय भी ले रहे हैं।

किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को टिकरी बाॅर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर बनाए गए मंच पर रविवार को श्रद्धांजलि दी गई। किसानों के आंदोलन का आज 25वां दिन है।

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “कानून खत्म कर दिए जाएं और हम दो घंटे में चले जाएंगे।”

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों के आंदोलन का आज 25वां दिन है। कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर किसान अड़े हुए हैं। किसान संगठनों ने अभी तक के आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दे दिया है, जिन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए अब दिल्ली के बॉर्डर समेत पंजाब भर में उनके लिए श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित किए जाने का निर्णय किया है। किसान संगठनों के पदाधिकारी अपने अपने गांवों में आज श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। श्रद्धांजलि सभा 11 बजे से शुरू होगी।