किसानो को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया ये बड़ा आदेश, करने को कहा ये…

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के वरिष्ठ नेता धर्मपाल मलिक ने कहा, यूनियन ने एक तकनीकी टीम गठित की है। पहले केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह विवादित कृषि कानूनों को स्थगित करना चाहती है। उन्होंने कहा, हम पहले सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ेंगे, हमारे वकीलों से सलाह करेंगे और फिर अगला कदम तय करेंगे।

आंदोलनरत किसान नेताओं ने शीर्ष अदालत की तरफ से किसानों को अहिंसक प्रदर्शन का अधिकार होने की बात माने जाने की प्रशंसा की है, लेकिन साथ ही कहा है कि उनका आंदोलन एक ठोस हल मिलने तक जारी रहेगा। राष्ट्रीय किसान मजदूर सभा के नेता अभिमन्यु कोहार ने कहा, हम शुक्रवार को वरिष्ठ वकीलों से मिलेंगे और सलाह लेंगे कि क्या किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रही करीब 40 किसान यूनियनों के संयुक्त किसान मोर्चा को सुप्रीम कोर्ट से कोई नोटिस नहीं मिला है। साथ ही कहा कि वह इस मामले पर अदालत के फैसले की प्रति देखने के बाद ही कोई टिप्पणी करेंगे।

किसान नेताओं ने यह बात सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी के बाद कही है, जिसमें शीर्ष अदालत ने कृषि विशेषज्ञों और किसान यूनियनों की मौजूदगी वाली निष्पक्ष व स्वतंत्र समिति गठित करने पर विचार करने की बात कही है। शीर्ष अदालत ने यह प्रस्ताव नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों और केंद्र सरकार के बीच बने गतिरोध को हल करने के लिए रखा है।

किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि वे कोलिन गोंसाल्वेज, एचएस फुल्का, दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण समेत तमाम वरिष्ठ वकीलों से सलाह मशविरा करने के बाद ही अब कोई अगला कदम उठाएंगे।