चीन ने लद्दाख में किया ये खतरनाक काम, स्थिति हुई ख़राब

जिसमें 1993 और 1996 में सीमा क्षेत्रों में एलएसी के साथ शांति और धीरज बनाए रखने समझौता शामिल है, जिसके लिए यह आवश्यक है कि सैनिकों का एकत्रीकरण नहीं होना चाहिए, प्रत्येक पक्ष को एलएसी का सख्ती से पालन करना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए और इसे बदलने के लिए कोई एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, “मुख्य मुद्दे, जैसा कि मैंने पिछले सप्ताह उल्लेख किया है कि दोनों पक्षों को पूरी तरह से विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है.

भारत ने पूर्वी लद्दाख में द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करने के लिए एक बार फिर चीन की आलोचना की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा. “पिछले 6 महीनों से हमने जो स्थिति देखी है, वह चीनी पक्ष के कार्यों का परिणाम है.

जिसने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ स्थिति में एकतरफा परिवर्तन को प्रभावित करने की कोशिश की है. ये कार्रवाई भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ शांति सुनिश्चित करने पर द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.”