पाकिस्तान में 14 साल की लड़की को घर से अगवा कर…फिर कराई शादी

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ने इमरान सरकार के सभी झूठों पर से पर्दा उठा दिया था. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 मानवाधिकार के मामले में काफी चिंताजनक रहा है और अल्पसंख्यकों पर जुल्म भी बढ़े हैं.

 

 

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि 2019 में कोरोना वायरस महामारी के कारण कमजोरों और खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति और खराब होगी.

पाकिस्तान का पंजाब प्रांत जबरन धर्म परिवर्तन कराने की घटनाओं के मामले से सबसे ज्यादा बदनाम है. इंटरनेशल क्रिश्चियन कन्सर्न के मुताबिक अप्रैल महीने के अंत में पंजाब के फैसलाबाद से 14 साल की ईसाई लड़की मायरा शहबाज का कुछ मुस्लिम युवकों ने अपहरण कर लिया था. मायरा को उसके घर के पास से ही अगवा किया गया. ये अपहरणकर्ता हथियारों से लैस थे और उन्होंने इलाके के लोगों को डराने के लिए गोलियां भी चलायीं.

मायरा की मां निगहत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें इस तरह की जानकारी मिली है कि उनकी बेटी के साथ बलात्कार कर उसका जबरदस्ती इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराकर उसकी किसी मुस्लिम शख्स शादी करा दी गयी है.

मानवाधिकार संस्था मूवमेंट फॉर सॉलिडैरिटी एंड पीस के अनुसार, पाकिस्तान में हर साल 1000 से ज्यादा ईसाई और हिंदू महिलाओं या लड़कियों का अपहरण कर उनका धर्म परिवर्तन करके निकाह करवा दिया जाता है.

प्रधानमंत्री इमरान खान  के सभी दावों के बावजूद पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों के प्रति होने वाले अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.

एक नए मामले में पंजाब (Punjab) सूबे के फैसलाबाद से 14 साल की ईसाई लड़की को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए उसके घर से अगवा कर लिया गया है.

इस लड़की को न सिर्फ हथियारों के बल पर घर से अगवा किया गया बल्कि ऐसी ख़बरें मिल रही है कि जबरन धर्म परिवर्तन के बाद लड़की की शादी एक मुस्लिम शख्स से करा दी गयी है.