आसमानी बिजली गिरने से झुलसे 13 लोग, पांच की हालत गंभीर

यूपी के अंबेडकरनगर के बसखारी इलाके में तेज बारिश के बीच गिरी बिजली ने रविवार को थाना क्षेत्र बसखारी के छांगुरपुर मिश्रौलिया में कहर बरपा दिया। गांव में एक महिला के निधन के बाद आयोजित शुद्धि कार्यक्रम में मौजूद 13 लोग बिजली की चपेट में आकर झुलस गए। दो के स्थानीय उपचार के साथ ही 11 ग्रामीणों को सीएचसी बसखारी ले जाया गया।

 

गांव निवासी व्रतंती की पत्नी का बीते दिनों बीमारी के चलते निधन हो गया था। उनका रविवार को शुद्धि कार्यक्रम का आयोजन था। इसमें परिवार व अन्य सगे संबंधी शामिल हुए। सुबह लगभग पौने दस बजे से तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। गरज चमक के साथ हो रही बारिश के बीच अचानक तेज आवाज के साथ कार्यक्रमस्थल के निकट ही बिजली गिर पड़ी। इससे वहां मौजूद 13 लोग उसकी चपेट में आ गए। इससे मौके पर चीख पुकार व भगदड़ गई।

दो लोग मामूली रूप से घायल हुए जिनका स्थानीयस्तर पर ही उपचार हुआ। हालांकि गंभीर रूप से झुलसे सम्मनपुर थाना क्षेत्र के रामपुर मंगुराडिला निवासी चिंताराम (40), छांगुरपुर मिश्रौलिया निवासी शशिकांत (20), रामरूप (55), सचिन (15), विशाल (23), राजाराम (50), दिलीप (30), अच्छेलाल (42), पतिराम गौतम (50), अभिमन्यु (19) व रवि कुमार (30) को सीएचसी बसखारी ले जाना पड़ा।

यहां हालत गंभीर गंभीर होने पर नौ लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से भी पांच ग्रामीणों शशिकांत, चिंताराम, दिलीप, रामरूप व पतिराम को राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर रेफर करना पड़ा जबकि अच्छेलाल, राजाराम, विशाल व सचिन का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। उधर इस हादसे के चलते शुद्धि कार्यक्रम नहीं हो पाया।

सीएचसी में रही अफरा-तफरी
सीएचसी बसखारी में बिजली की चपेट में आकर लगभग एक दर्जन झुलसे हुए ग्रामीणों के पहुंचने से अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। एकसाथ घायलों के पहुंचने पर उन्हें प्राथमिक उपचार देने के लिए चिकित्सक व अन्य स्टॉफ दौड़ते भागते नजर आए। इसी बीच हीरापुर बाजार में छात्रा की मौत के आरोपियों के मुठभेड़ में घायल होने के बाद उन्हें लेकर पहुंची पुलिस को इंतजार करना पड़ा। बिजली गिरने से झुलसे लोगों का उपचार होने के बाद ही पुलिस मुठभेड़ में घायल आरोपियों को यहां भर्ती किया गया।

की जा रही मॉनीटरिंग
एडीएम डॉ. सदानंद गुप्ता ने जिला अस्पताल पहुंचकर वहां भर्ती घायलों का हालचाल जाना। जिम्मेदारों को निर्देशित किया कि इनके बेहतर इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। एडीएम ने बाद में कहा कि घायलों के इलाज की मॉनीटरिंग की जा रही है।