13 सालों में शिवसेना के इन भाइयों ने एक दूसरे का ऐसे लिया सहारा आज सियासत में कर रहे है विरोध

महाराष्ट्र के ये दो नेता भाई एक ही खानदान से हैं. राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की पार्टियां अलग हैं लेकिन राजनीति लगभग मिलती-जुलती ही है. राजनीति के लिए दोनों एकदूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं. लेकिन महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता और मराठी मानुष के झंडाबरदार बने रहते हैं. दोनों ही शिवाजी महाराज से प्रेरणा हासिल करते हैं. इन सबके बावजूद दोनों की रगों में एक ही खानदान का खून है. कितनी भी राजनीति हो, आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाए…लेकिन जब बात परिवार पर आने वाले संकट की होती है, तब दोनों एकदूसरे का साथ देते हैं.

इस बार जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे को समन भेजा तो शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे उनके बचाव में आ गए. उद्धव ने यहां तक कह दिया कि जितनी जांच करनी हो कर लो, राज के पास से कुछ नहीं मिलेगा. आइए जानते हैं…करीब 13 सालों से अलग रह रहे दोनों भाई कब-कब एकदूसरे का सहारा बने…

5 जनवरी 2019 – बेटे की शादी का निमंत्रण देने राज पहुंचे मातोश्री

राज ठाकरे अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी का निमंत्रण देने 5 जनवरी को मातोश्री पहुंचे. यहां उन्होंने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. दोनों ने एकदूसरे से हाथ मिलाया. कुछ देर बातें की. उद्धव ने राज ठाकरे को आते समय घर के बाहर रिसीव किया और जाते समय बाहर तक छोड़ा.

19 नवंबर 2016 – नोटबंदी पर दोनों भाई एकसाथ आकर कर रहे थे विरोध

नोटबंदी के मामले पर शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने भाजपा का विरोध किया तो उनका साथ देने उनके भाई और मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे भी आ गए. शिवसेना के मुख पत्र सामना में मोदी सरकार पर हमला करते हुए लिखा गया है कि अगर देश में लोगों की महंगाई, रिसेशन और बेरोजगारी से मौत हो जाती है तो भी सरकार यही कहेगी कि वो देशभक्ति के शिकार हैं. इसके बाद राज ठाकरे ने भी शिवसेना का समर्थन किया था.

नवंबर 2012 – जब बाल ठाकरे का स्वर्गवास हुआ…

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे कई महीनों से बीमार चल रहे थे. उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. लेकिन काफी प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. इस मौके पर भी राज ठाकरे पूरे समय उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहे. अस्पताल से लेकर अंतिम संस्कार तक राज ठाकरे हमेशा उद्धव के साथ रहे.

जुलाई 2012 – जब उद्धव बीमार हुए तो राज बने भाई के सारथी

जुलाई 2012 में उद्धव ठाकरे की एंजियोग्राफी हुई. इसके बाद राज ठाकरे ने उद्धव को लीलावती अस्पताल से मातोश्री तक अपनी गाड़ी में पहुंचाया. राज ठाकरे पूरे समय अस्पताल में उद्धव के परिवार के साथ खड़े रहे.

2008 – जब बाल ठाकरे बीमार पड़े तो राज पूरी रात मातोश्री में रहे

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों एक दूसरे खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं. लेकिन, 2012 में उद्धव की बीमारी से पहले दोनों की मुलाकात 2008 में हुई थी. ये मुलाकात उस समय हुई थी जब राज शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे की बीमारी के वक्त उनसे मिलने गए थे. राज ठाकरे पूरी रात मातोश्री में रुके थे.