साथ ही कहा कि शहीद भगत सिंह की बहादुरी पीढ़ियों में लाखों भारतीयों को प्रेरित करता है। मैं भारत के इस गर्व बेटे के लिए अपना सिर झुकाकर उन्हें नमन करता हूं। भारत के आजादी में भगत सिंह जी का अहम योगदान रहा।
वहीं उत्तर प्रदेश के आजाद पार्क में शहीदे आजम भगत सिंह की 111वीं जयंती मनाई गई। यूपी पुलिस बल के जवानों ने 21 गन शाट फायर कर सम्मान गारद की ओर से सलामी दी और बाद में पुलिस बैंड की ओर से भी राष्ट्रगान बजाकर सम्मान किया गया। छात्राओं ने गाने, नृत्य और नाटक के जरिए अमर शहीदों के योगदान को दिखाने की कोशिश की। कार्यक्रम मे शामिल मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि आज की चुनौती दोगुनी हो गयी है क्योंकि विदेशी शक्तियों के अलावा आंतरिक चुनौतियां भी बेहद खतरनाक हैं।
कार्यक्रम अध्यक्ष राजू जायसवाल मरकरी ने बताया कि इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा आज भी जोश भरता और संघर्ष की प्रेरणा देता है। इसके अलावा, शहीद भगत सिंह की जयंती पर सेवादल ने मुजफ्फरनगर के गांधी कालोनी स्थित गांधी वाटिका में रक्तदान शिविर और शबद कीर्तन का आयोजन किया। दीपक पंघाल, अखिल तागरा, अमरजीत सिंह सिडाना, अजय टंडन, सतीश गोयल समेत कई लोगों ने रक्तदान किया।
ऐसे थे भगत सिंह– भारत माता के सबसे लाडले पुत्र और उसे अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए 23 बरस की छोटी सी उम्र में फांसी के फंदे पर झूल गए अमर शहीद भगत सिंह के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। 28 सितंबर 1907 को अविभाजित पंजाब के लायलपुर जो अब पाकिस्तान हैं.. वहां भगत सिंह का जन्म हुआ। भगत सिंह बहुत छोटी उम्र से ही आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए और उनकी लोकप्रियता से भयभीत ब्रिटिश हुक्मरान ने 23 मार्च 1931 को 23 बरस के भगत को फांसी पर लटका दिया।