1 अक्टूबर से करना होगा 12 घंटे काम, मोदी सरकार करने जा रही ये काम

 यहां चर्चा कर दें कि संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. ये नियम सितंबर 2020 को पास हो चुके हैं.

नए ड्राफ्ट कानून की बात करें तो इसमें कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया गया है. हालांकि, लेबर यूनियन इसके पक्ष में नहीं हैं और वो इसके विरोध में खड़ी है.

कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिना जाएगा और इसे ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. मौजूदा नियम पर नजर डालें तो 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है.

यदि आपको याद हो तो सरकार नये लेबर कोड में नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से ही लागू करना चाहती थी, लेकिन राज्यों की तैयारी नहीं थी, साथ ही कंपनियों को एचआर पॉलिसी (HR Policy) बदलने के लिए ज्यादा समय देने के कारण इसे टालने का काम किया गया. लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) की मानें तो सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 जुलाई से नोटिफाई करना चाहती थी लेकिन राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और वक्त की डिमांड की.

इसके बाद 1 अक्टूबर तक के लिए इसे टाल दिया गया. अब खबरें हैं कि लेबर मिनिस्ट्री और मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 अक्टूबर तक नोटिफाई करने का मन बना रही है.

यदि आप नौकरीपेशा लोगों की श्रेणी में आते हैं तो आगे की खबर आपके काम की है. जी हां…अगले महीने अक्टूबर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है जिसे जानना आपके लिए बहुत जरूरी है. केंद्र की मोदी सरकार (Modi govt) एक अक्टूबर से श्रम कानून के नियमों (New Wage Code) में बदलाव करने का मन बना रही है.

यदि यह नियम लागू हो जाता है तो एक अक्टूबर से आपको अपने ऑफिस में ज्यादा वक्त देना होगा. नए श्रम कानून की बात करें तो इसमें 12 घंटे काम करने की बात कही गई है.

यही नहीं आपकी इन हैंड सैलरी पर भी इस कानून का असर पड़ता नजर आएगा. यहा आइए आपको बताते हैं कि नया लेबर कोड आपको कैसे प्रभावित कर सकता है.