ख़त्म हो सकता है किसान आंदोलन , पीएम मोदी ने दिया ये भाषण

पीएम ने कहा कि भारत की ताकत समस्याओं के समाधान की रही है, पर कुछ लोग चाहते हैं कि देश अशांत रहे. पंजाब का क्या हुआ? बंटवारा हो या 1984 के दंगे, पंजाब के लोगों का नुकसान हुआ. नॉर्थईस्ट की घटनाओं से नुकसान हुआ. हर सरकार ने यह देखा है. यह देश सिख के लिए गर्व करता है. इन्होंने देश के लिए क्या कुछ नहीं किया.

मोदी ने कहा, ”हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं. कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे. मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी. एमएसपी है.

एसएसपी था और एमएसपी रहेगा. इस सदन की पवित्रता समझें हम. जिन 80 करोड़ लोगों को सस्ते में राशन दिया जाता है वो भी लगातार रहेगा.”

इससे पहले पीएम मोदी न कहा, ”अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती, लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई.”

PM ने कहा कि ‘किसान आंदोलन कर रहे हैं और यह उनका हक है लेकिन वहां बुजुर्ग बैठे हुए हैं, अच्छी बात नहीं है. उन्हें वापस ले जाइए. हम मिलकर बैठकर बात करेंगे. मैं बार-बार कह रहा हूं.

हम सब मिल-बैठकर बात करने को तैयार हैं. मैं आज सदन से भी निमंत्रण देता हूं. पीएम ने किसानों को आश्वासन भी दिया कि ‘MSP था, MSP है और MSP रहेगा. हमें भ्रम नहीं फैलाना चाहिए.’

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया. इस मौके प्रधानमंत्री ने देश के लोकतंत्र से लेकर काफी चीज़ों पर अपनी बात रखी. इतना ही नहीं उन्होंने किसानों से अपील की है की वो अपना आंदोलन ख़त्म करें.

पीएम ने कहा कि ‘आंदोलनकारियों को समझाते हुए देश को आगे ले जाना होगा. आओ मिलकर चलें. अच्छा कदम है, किसी न किसी को करना था. मैंने किया है, गालियां मेरे हिस्से में जा रही हैं, जाने दो. कृषि मंत्री लगातार काम कर रहे हैं. एक-दूसरे को समझने-समझाने की जरूरत है.’