हिंदुस्तान ने शनिवार (13 अक्टूबर) को यहां संपन्न हुए एशियन पैरा गेम्स में कुल 72 मेडल अपने नाम किए जो इन खेलों के इतिहास में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। हिंदुस्तान 15 गोल्ड, 24 सिल्वर व 33 ब्रॉन्ज मेडल के साथ टीम तालिका में नौंवें नंबर पर रहा। हिंदुस्तान ने 2014 में इन खेलों के पिछले संस्करण में तीन गोल्ड, 14 सिल्वर व16 ब्रॉन्ज मेडल सहित कुल 33 मेडल ही जीते थे।
पैरा-एशियाई खेलों के आखिरी दिन शनिवार को प्रमोद भगत ने बैडमिंटन में पुरुषों के एकल एसएल-3 श्रेणी में गोल्ड जीता। उन्होंने इंडोनेशिया केकाएनडीयुकु को 21-19, 15-21, 21-14 से हराया। वहीं, तरुण ढिल्लो ने पुरुषों के एसए-4 एकल वर्ग में चाइना के युयांग जाओ को 21-16, 21-16 से हराकर सोने का तमगा हासिल किया। हिंदुस्तान के सभी पांचों मेडल बैडमिंटन से आए।
मनोज गवर्नमेंट ने पुरुष एकल एसएल3 में, मनोज गवर्नमेंट व प्रमोद भगत तथा आनंद कुमार गौड़ा व नीतेश कुमार की जोड़ियों ने पुरुष युगल एसएल3-एसएल4 पेयर्स में ब्रॉन्ज मेडल जीते। पैरा एथलेटिक्स ने हिंदुस्तान को आधे मेडल (36) दिलाए, जिसमें सात गोल्ड, 13 सिल्वर व 16 ब्रॉन्ज शामिल रहे। बैडमिंटन व शतरंज में नौ-नौ जबकि पैरा तैराकी में आठ मेडल मिले।
टीम तालिका में चाइना कुल 319 मेडलों के साथ शीर्ष पर रहा। उसने इन खेलों में 172 गोल्ड, 88 सिल्वर व 59 ब्रॉन्ज मेडल जीते। वहीं, दक्षिण कोरिया 145 मेडलों (53 गोल्ड, 25 सिल्वर व 47 ब्रॉन्ज) के साथ दूसरे व ईरान 136 मेडलों (51 गोल्ड, 42 सिल्वर व 43 ब्रॉन्ज) के साथ तीसरे नंबर पर रहा।
बता दें कि इन पैरा एशियाई खेलों में मरियप्पन थांगावेलू हिंदुस्तान के ध्वजवाहक रहे। मरियप्पन ने रियो पैरा ओलम्पिक-2016 में राष्ट्र को गोल्ड मेडल दिलाया था। साथ ही जानी-मानी पैरा एथलीट दीपा मलिक व देवेंद्र झाझरिया, बैडमिंटन की मानसी जोशी, ऊंची कूद खिलाड़ी गिरिशा होसंगरा भी इसका भाग रहीं।
भारत 13 अलग-अलग खेलों में भाग लिया था, जिसमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, जूडो, पावरलिफ्टिंग, शतरंज, साइक्लिंग, फेंसिंग, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस, बोचिया व टेनपिन बॉलिंग शामिल रहे।
एशियन गेम्स 2018 के लिए एथलीट्स का हौसला बढ़ाने के लिए शाहरुख खान ने भी उनका साथ दिया। इंडोनेशिया रवाना करने से पहले शाहरुख खान खिलाड़ियों से मिले थे वउनका हौसला बढ़ाया था। शाहरुख खान की मीर फाउंडेशन पैरा एथलीटों का समर्थन करती है। उन्होंने खिलाड़ियों को रवाना करने से पहले बोला था, ”मैं यहां बहुत स्वार्थी कारणों से आया हूं, मैं जब बच्चा था तो मैं खेलों में भाग लेता था। एक दिन मुझे चोट लगी व इसके बाद मुझे एक वर्ष तक घर में ही रहना पड़ा। ”
शाहरुख खान ने इंडियन पैरालंपिक दल को पैरा एशियाई खेल 2018 के लिए बधाई देते हुए बोला था कि हम सभी कहीं न कहीं अधूरे होते हैं व कमियों से लड़कर इस अधूरेपन को भरा जा सकता है।