हिंदुस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है सोलिह की यात्रा का उद्देश्य

अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत अगले महीने पर आएंगे सोलिंह की इस यात्रा का उद्देश्य राष्ट्र के साथ द्विपक्षीय संबंधों को  मजबूती प्रदान करना है बता दें कि राष्ट्रपति सोलिह ने 17 नवंबर को शपथ ग्रहण के बाद अपने सम्बोधन में विश्व के लिया था मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि मालदीव का एक मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल वर्तमान में पर है

द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करेगी सोलिह की हिंदुस्तान यात्रा
शाहिद ने बोला कि सोलिह की यात्रा का उद्देश्य हिंदुस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि द्वीपीय राष्ट्र मालदीव को जब भी आवश्यकतापड़ी है हिंदुस्तान उसकी सहायता के लिए हमेशा आगे आया है बताते चलें कि 17 नवंबर को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे पीएममोदी इकलौते राष्ट्राध्यक्ष थे, जिन्हें इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बुलाया गया था इससे पहले एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने के लिए नयी मालदीवी संसद के अध्यक्ष कासिम इब्राहिम के साथ कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया

पर है मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल 
शाहिद ने बोला कि उन्होंने ‘फॉरेन कारेसपांडेंट्स क्लब’ में कहा, ”मालदीव की नयी गवर्नमेंट हिंदुस्तान को इतना जरूरी साझेदार मानती है कि राष्ट्रपति सोलिह अपनी पहली विदेश यात्रा अगले महीने 17 दिसंबर को हिंदुस्तान की करेंगे ” बता दें कि मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल में शाहिद के अतिरिक्त वित्त मंत्री फयाज इस्माईल, आर्थिक विकास मंत्री इब्राहीम धनी विदेश राज्य मंत्री अहमद खलील शामिल हैं मालदीव के वित्त मंत्री इस्माईल ने बोला कि मालदीव की नयी गवर्नमेंट हिंदुस्तान से कई क्षेत्रों में बजट योगदान मांग रही है जिसमें सेहतदेखभाल भी शामिल है

सितंबर में हुए आम चुनाव में सोलिह ने हासिल की थी जीत
पीएम नरेंद्र मोदी इससे पहले 2015 में मालदीव की यात्रा पर जाने वाले थे, लेकिन वहां पर पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशिद की गिरफ्तारी के बाद बढ़े गवर्नमेंट विरोधी प्रदर्शनों के कारण उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी मालदीव में सितंबर 2018 में हुए आम चुनाव में मालदिवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने जीत हासिल की थी उन्होंने उस समय के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हरा दिया था बता दें कि सोलिह के साझेदारी को आम चुनाव में 58 प्रतिशत वोट हासिल मिले थे

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन माने जाते थे चाइना के करीबी
हिंदुस्तान  मालदीव के संबंधों में पूर्ववर्ती यामीन के शासन के दौरान तनाव देखने को मिला था क्योंकि, उन्हें चाइना का करीबी माना जाता है हिंदुस्तानियों के लिये कार्यवीजा पर पाबंदी लगाने  चाइना के साथ नये मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर भी हिंदुस्तान खुश नहीं था यामीन द्वारा इस वर्ष पांच फरवरी को राष्ट्र में आपातकाल की घोषणा किये जाने के बाद हिंदुस्तान  मालदीव के रिश्तों में  कड़वाहट आ गई थी हिंदुस्तान ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए उनकी गवर्नमेंट से लोकतंत्र  सियासी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को फिर से बहाल करने  राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की थी मालदीव में 45 दिन तक आपातकाल रहा था

सामरिक दृष्टि से जरूरी है मालदीव
मालदीव में हाल में हुए राष्ट्रपति चुनावों के बाद हुए सत्ता बदलाव में चाइना की उम्मीदों के उलट इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को जीत मिली है चाइना के समर्थन वाले अब्दुल्ला यामीन चुनाव पराजय गए थे इन परिणामों से चाइना इस कदर सकते में आया था कि पहले दो दिन तो वह सोलिह को बधाई भी नहीं दे पाया था उसके बाद उसने सोलिह को बधाई दी सोलिह को संसार में सबसे पहले बधाई पीएम मोदी ने दी थी सामरिक दृष्टि से जरूरी इस राष्ट्र के नए मुखिया को पीएम मोदी ने तभी हिंदुस्तान आने का निमंत्रण दे दिया था इसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया था

सत्ता बदलाव के साथ बदले चाइना के सुर
इतना ही नहीं चाइना के विशेषज्ञों ने बोला था कि दोनों राष्ट्रों को मिलकर मालदीव में कार्य करना चाहिए चाइना के राजदूत झांग लिजोंग ने मोहम्मद सोलिह से औपचारिक मुलाकात कर उन्हें चाइना आने का निमंत्रण दिया था आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चाइना के राजदूत  मालदीव के होने वाले राष्ट्रपति की मुलाकात में मुख्य मुद्दा ये था कि चाइना आगे भी किस तरह से मालदीव में प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी जारी रख सकता है हालांकि, सोलिह ने साफ कर दिया था कि इस समय मालदीव की पहली प्राथमिकता लोकतंत्र को फिर से बहाल करना, मानवाधिकार की रक्षा  पर्यावरण में हो रहे बदलाव पर ध्यान केंद्रित करना है बता दें कि अब्दुल्ला यामीन की पराजय से चाइना को बड़ा झटका लगा था वह चाइना के पिट्ठू की तरह कार्य कर रहे थे यहां तक कि मालदीव के चुनावों में चाइना की दखलअंदाजी हुई थी चुनावी कैंपेन के समय विपक्षी दलों की ओर से ये बोला गया था कि उनकी गवर्नमेंट बनने पर वह चाइना के तमाम प्रोजेक्ट का दोबारा से परीक्षण करेगी

चीन मालदीव में आपसी योगदान के साथ कार्य करेगा- चाइना का सरकारी अखबार
चाइना के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बोला था कि चाइना मालदीव में आपसी योगदान के साथ कार्य करेगा वहीं, चाइना वेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का कहना था कि हिंदुस्तान  चाइना को प्रतिस्पर्धा की बजाए आपसी योगदान से कार्य करना चाहिए शिंगचुआन के मुताबिक मालदीव में दोनों राष्ट्र साथ में कार्य करें तो बेहतर होगा गवर्नमेंट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सोलिह चाहकर भी चाइना के सभी प्रोजेक्ट को समाप्त नहीं कर सकते भले उनका लाभ हिंदुस्तान के साथ ज्यादा जुड़ा हो मालदीव में बदले दशा को भांपते हुए अब चाइना की ओर से बोला जा रहा है कि चाइना  हिंदुस्तान मिलकर मालदीव के विकास में पूरा सहयोग दे सकते हैं इससे पहले यामीन के शासनकाल में इंडियन कंपनियों को हाशिये पर ढकेल दिया गया था