हिंदुस्तान के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन सकते है थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत

हिंदुस्तान के तीनों सशस्त्र बलों के लिए स्वतंत्रता दिवस के मौका पर पीएम मोदी ने लाल किले के प्राचीर से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को नियुक्त करने की घोषणा की. सीडीएस तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल को बेहतर करने का कार्य करेगा.
हिंदुस्तान के रक्षा सुधार के लिए कारगिल युद्ध पर बनी कमेटी की सिफारिश के बाद इसकी मांग की जा रही थी. सीडीएस पांच सितारा जनरल होगा जो थल सेना, वायुसेना  नौसेना के उपर का रैंक होगा. अटकलें हैं कि वर्तमान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को यह पद दिया जा सकता है.

चीफ ऑफ डिफेंस पद बन जाने के बाद युद्ध के समय तीनों सेनाओं के बीच समन्वय स्थापित हो पायेगा. युद्ध के समय सिंगल प्वॉइंट आदेश जारी किया जा सकेगा, जिसका मतलब तीनों सेनओं को एक ही स्थान से आदेश जारी होगा. जिससे सेना की रणनीति पहले से अधिक प्रभावशाली हो जाएगी,  कोई कन्फयूजन की कोई स्थिति नहीं होगी. इससे बहुत ज्यादा हद तक हम अपना नुकसान होने से बचा पाएंगे.

भारत सरकार  रक्षा मंत्रालय के सामने सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न सीडीएस की वैधानिक स्थिति  प्रोटोकॉल को लेकर था. उपस्थित तीनों जनरल फोर स्टार  रक्षा सचिव के समकक्ष हैं.ऐसे में जरलों के जनरल का ओहदा क्या हो? क्या वह साढ़े चार या फाइव स्टार जनरल हो? रक्षा सचिव से ऊपर या कैबिनेट सेक्रेटरी के बराबर का दर्जा हो? ऐसा होने पर अन्य प्रोटोकॉल की स्थिति फिर क्या हो?

अभी अमेरिका,चीन, यूनाइटेड किंगडम जापान के साथ-साथ कई  राष्ट्रों के पास चीफ ऑफ डिफेंस का पद है. देश सुरक्षा के सभी मामलों से सीमित संसाधनों से साथ निपटने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस के पद की बहुत आवश्यकता थी. चीफ स्टाफ कमेटी में थलसेना, नौसेना  वायुसेना के प्रमुख शामिल होते है. कमेटी के सबसे वरिष्ठ मेम्बर को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है.