हिंदुस्तान का ‘चंद्रयान’-2 जल्द ही चंद्रमा की कक्षा में करेगा प्रवेश, जाने कैसे

मून मिशन पर गया हिंदुस्तान का ‘चंद्रयान-2’ जल्द ही चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने वाला है. इस बात की जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के अध्यक्ष डॉ केसिवन ने सोमवार (12 अगस्त) को दी. उन्होंने बताया कि दो दिन बाद ‘चंद्रयान-2’ पृथ्वी की कक्षा से बाहर चला जाएगा  हफ्तेभर बाद 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंच जाएगा. सिवान के मुताबिक चांद की कक्षा में घुसने के करीब 18 दिन बाद यानी 7 सितंबर को वो चांद की सतह पर उतर जाएगा. सिवन ने ये बातें अहमदाबाद में कहीं, जहां वे भारतीय अंतरिक्ष प्रोग्राम के जनक डॉ विक्रम साराभाई के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित प्रोग्राम में भाग लेने आए थे.

  • मीडिया से वार्ता के दौरान सिवन ने बताया कि लॉन्चिंग के बाद से लेकर चंद्रयान-2 अबतक 5 बार पृथ्वी की कक्षा बदल चुका है  वैसे पृथ्वी के आसपास चक्कर लगा रहा है.उनके मुताबिक चंद्रयान-2 की स्थिति में अगला  बेहद जरूरी परिवर्तन बुधवार प्रातः काल होगा.
  • सिवन ने कहा, ’14 अगस्त की प्रातः काल करीब 3.30 बजे हमें एक जरूरी परिवर्तन दिखेगा, जिसे ट्रांस-ल्यूनर इंजेक्शन बोला जाता है. इस दौरान चंद्रयान-2 पृथ्वी की कक्षा छोड़कर अपने लक्ष्य चंद्रमा की ओर आगे बढ़ जाएगा. 20 अगस्त को हम चांद पर होंगे.
  • आगे उन्होंने बताया ‘फिर हम चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेंगे, इस प्रक्रिया के जरिए चंद्रयान-2 20 अगस्त तक चांद के पास पहुंचेगा. इसके बाद अंतरिक्षयान स्थिति बदलावके कई दौर से गुजरेगा,  आखिरकार 7 सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब उसकी लैंडिंग होगी.

22 जुलाई को मिशन पर निकला था चंद्रयान

चंद्रयान-2 को हिंदुस्तान ने 22 जुलाई को अपने सबसे शक्तिशाली जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया था. इस बेहद महत्वाकाक्षी मिशन पर गए इस रॉकेट में तीन मॉड्यूल ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम)  रोवर (प्रज्ञान) हैं. इस यानका वजन 3,850 किलो है औरयह चंद्रयान-1 मिशन (1380 किलो) से करीब तीन गुना ज्यादा है.इस मिशन के जरिए इसरोचांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना चाहता है.

चंद्रयान-1 से कितना अलग है चंद्रयान-2?

चंद्रयान-2 वास्तव में चंद्रयान-1 मिशन का ही नया संस्करण है. इसमें ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम)  रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं. चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था, जो चंद्रमा की कक्षा में घूमता था. चंद्रयान-2 के जरिए हिंदुस्तान पहली बार चांद की सतह पर लैंडर उतारेगा. यह लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगी. इसके साथ ही हिंदुस्तान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन जाएगा.

इसरो ने दिखाई थीं चंद्रयान-2 से मिली तस्वीरें

इसरो ने 4 अगस्त को चंद्रयान-2 से खींची गई पृथ्वी की कुछ फोटो रिलीज की थीं. अंतरिक्ष में पृथ्वी की बाहरी कक्षा से खींची गई इन फोटोज को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर में लगे एलआई-4 कैमरे से 3 अगस्त को शाम 5:28 से 5:37 बजे के बीच खींचा गया. इसरो ने ट्वीट में इन्हें चंद्रयान-2 द्वारा खींची पहली तस्वीरों का सेट बताया था.