हरियाणा का वह नेता जिसको कांग्रेस पार्टी ने दिया ऑफर

दुनिया के नक्‍शे पर पाकिस्‍तान के उदय के साथ मोहम्‍मद अली जिन्‍ना के बाद लियाकत अली खान दूसरे सबसे फायर बिग्रेड नेता बनकर उभरे वह पाकिस्‍तान के पहले पीएम बनेसिर्फ इतना ही नहीं उनकी राजनीतिक हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्‍तान के शुरुआती सालों में उनके पास इसके अतिरिक्त विदेश, रक्षा समेत कई विभाग भी थे 1948 में जिन्‍ना के इंतकाल के बाद वह पाकिस्‍तान के सबसे बड़े नेता बने लेकिन जब वे पाकिस्‍तान के पहले आम चुनावों की घोषणा करने ही वाले थे, उसी दौरान आज ही के दिन 16 अक्‍टूबर, 195 को एक रैली में उनकी हत्‍या कर दी गई लियाकत अली खान की जड़ें हिंदुस्तान से जुड़ी थीं

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लियाकत अली खान
1 अक्‍टूबर, 1895 को तत्‍कालीन पूर्वी पंजाब के करनाल (अब हरियाणा) के एक कुलीन परिवार में नवाबजादा लियाकत अली खान का जन्‍म हुआ था उनका परिवार प्रसिद्ध मुस्लिम चिंतक सर सैयद अहमद खान के विचारों से बेहद प्रभावित था इसलिए उनको पढ़ने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) भेजा गया वहां से लॉ  पॉलिटिक्स विज्ञान में डिग्री लेने के बाद उन्‍होंने ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उच्‍च एजुकेशन ली

कांग्रेस से बुलावा
1923 में वकालत की डिग्री के साथ ब्रिटिश हुकूमत के दौर में हिंदुस्‍तान लौटने के बाद राष्‍ट्रवादी विचारों के साथ मुस्लिमों के उत्‍थान के लिए कार्य करने का निर्णय किया इस दौरान कांग्रेस पार्टी के तत्‍कालीन नेतृत्‍व ने उनको पार्टी से जुड़ने का ऑफर दिया लेकिन वह इसके बजाय मोहम्‍मद अली जिन्‍ना के नेतृत्‍व में मुस्लिम लीग के नेता बन गए 1926 में मुजफ्फरनगर से प्रांतीय लेजिस्‍लेटिव काउंसिल के लिए निर्वाचित होने के साथ ही राजनीतिक करियर प्रारम्भ किया उसके बाद वह जिन्‍ना के नेतृत्‍व में पाकिस्‍तान आंदोलन का हिस्‍सा बनकर मुस्लिम लीग के बड़े नेता बनकर उभरे 1946 में जब अंतरिम गवर्नमेंट का गठन हुआ तो वह वित्‍त मंत्री बने पाकिस्‍तान बनने के बाद वह पहले पीएम बने

16 अक्‍टूबर, 1951 को रावलपिंडी में एक जनसभा के दौरान साद अकबर बाबराक उर्फ सईद अकबर नाम के हमलावर ने लियाकत अली खान की गोली मारकर हत्‍या कर दी पुलिस की जवाबी कार्रवाई में सईद भी वहीं मारा गया उनके हत्‍या के कारणों का कभी पता नहीं चल पाया सईद के बारे में बोला जाता है कि वह पख्‍तून पृथकतावादी था रावलपिंडी में जिस स्थान लियाकत अली खान की हत्‍या हुई, बोला जाता है कि उसी स्थान पर 2007 में बेनजीर भुट्टो की भी हत्‍या हुई