कुंभ मेले में जाने से पहले जान ले ये पूरी बात, वरना हो जाएँगे परेशान

कुंभ मेले में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने के चलते सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना आसान नहीं होगा. ऐसे में प्रशासन घाटों पर शाही स्नान विशेष स्नान में श्रद्धालुओं की संख्या तय करने पर विचार कर रहा है.

 

श्रद्धालुओं के लिए मास्क लगाना जरूरी होगा मास्क न लगाने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. एक अंदाजे के अनुसार, कुंभ मेले में 3500 से डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत होगी.

कुंभ मेला हर 12 साल बाद आयोजित होता है लेकिन इस बार यह 11वें साल में ही आयोजित हो रहा है. साल 2022 में गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे, इसलिए इस बार 11वें साल में ही कुंभ का आयोजन किया जा रहा है. कुंभ मेले के आयोजन में सूर्य देवगुरु बृहस्पति की अहम भूमिका मानी जाती है.

हरिद्वार कुंभ मेले के आयोजन की तैयारियां जोरों से चल रही हैं. आप भी कुंभ मेले में जाने की योजना बना रहे हैं तो केंद्र सरकार द्वारा तय की गई कोरोना गाइडलाइन का खुद से पालन करें.

हजारों साल पुरानी सनातनी परंपरा कुंभ मेला में इस बार कोरोना को लेकर सरकार ने कई तरह की गाइडलाइन बनाई है. हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि कुंभ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं कोरोना जांच होगी या नहीं.

अभी यह भी तय नहीं हुआ है कि कुंभ मेले में पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव होने पर मेले में प्रवेश दिया जाएगा या नहीं.