हड्डी टूटने के बाद भी रखे इन् बातो का ध्यान ….

हड्डियां मजबूत होने के साथ हमारे बॉडी को सीधा रखने में मदद करती हैं लेकिन जरा सी भी गलती आपकी हड्डी तोड़ भी सकती है किसी भी हादसे में अगर आपकी हड्डी टूट जाये तो आपको कितना दर्द होता है ये आप सोच भी नहीं सकते गिरने से हड्डी का टूट जाना असामान्य होता है या हड्डी के निर्बल होने की वजह से गिरने पर यह टूट जाती हैं मगर अच्छी बात यह है कि कुछ समय बाद यह घाव अच्छा होकर हड्डी जुड़ भी जाती हैं लेकिन इसमें आपको अधिक समय लग जाता है हड्डी टूटने के बाद आपके बॉडी में कुछ परिवर्तन आते हैंइन बदलावों के बारे में जानकर आप बॉडी को होने वाली समस्या से बच सकते हैं आइये जानते हैं उनके बारे में

नई हड्डी बनने के लिए कैलस टूटता है: हड्डी टूटने पर सॉफ्ट कैलस सख्त कैलस से बदलते हैं यह मजबूत होता है लेकिन हड्डी की तरह नहीं मजबूत हड्डी का बनना फ्रैक्चर के 3-4 सप्ताह बाद शुरु होता है हड्डी के दोबारा से बनने में थोड़ा समय लगता है यह समय हड्डी के टूटने  उसके आकार पर निर्भर करता है

सूजन: हड्डी टूट जाने के बाद इम्यून सिस्टम बॉडी के उस अंग में सूजन करना शुरु कर देता है हीलिंग के लिए सूजन आना जरुरी होता है टिशू, बोनमैरो  खून अब स्टेम सेल्स को फ्रैक्चर वाली स्थान पर भेजता है इससे आपके बॉडी में टूटी हुई हड्डी का बनना शुरु हो जाता है

हीमेटोमा का बनना: आपके बॉडी में जो खून का थक्का जमा हुआ होता है वह फ्रैक्चर वाली हड्डी के पास एकत्रित होने लगता है इसे हीमेटोमा कहते हैं यह थोड़े समय के लिए होता है  प्रोटीन की तरह कार्य करता है ताकि टूटी हुई हड्डी जुड़ सके

रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं: फ्रैक्टर होने के बाद जो वस्तु सबसे पहले होती है वह है ब्लीडिंग यह ब्लीडिंग हड्डियों के आस-पास डॉटेड रक्त कोशिकाओं के टूटने की वजह से होता है