स्विटजरलैंड में चल रहे विश्व आर्थिक मंच पर पूर्व गवर्नर ने बताया GST व नोटबंदी का किया कड़वा सच

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) को अच्छा कदम बताया है, जबकि नोटबंदी को नाकामयाबी बताते हुए कहा है कि उन्हें नहीं पता इससे लोगों के व्यवहार में कोई बदलाव आया. भविष्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर वित्त मंत्री बनने की संभावना से उन्होंने इनकार किया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को उन्होंने केंद्रीकृत बताया. जबकि गठबंधन सरकार की सूरत में उन्होंने संभावना जताई कि इससे आर्थिक रफ्तार धीमी पड़ सकती है.

स्विटजरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच (WEF) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने इंडिया टुडे-आजतक के न्यूज डायरेक्ट राहुल कंवल से देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विशेष बात की. उन्होनें ऐसी अटकलों को खारिज किया जिसमें कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार बनने पर उन्हें देश का वित्त मंत्री बनाया जा सकता है. रघुराम राजन ने कहा कि वे सभी पार्टी के नेताओं से बात करते हैं. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बातचीत की है. राजन ने कहा कि वे कोई राजनीतिज्ञ नहीं हैं. भविष्य में अच्छी नीतियां बनाना पसंद करेंगे.

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा आर्थिक मोर्चे पर उठाए गए दो बड़े कदम नोटबंदी और जीएसटी पर उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर सकारात्मक कदम है. जबकि नोटबंदी को नाकामयाबी बताया. नोटबंदी को लेकर सरकार का दावा है कि इससे लोगों द्वारा कैश का प्रयोग घटा है. इस दावे पर राजन ने कहा कि उन्हें नहीं पता नोटबंदी के लोगों के व्यवहार में कोई बदलाव आया.

देश के दो बड़े मुद्दे कृषि और बेरोजगारी पर रघुराम राजन ने कहा कि कृषि संकट को हल करने और देश में और रोजगार पैदा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रोजगार पैदा हो रहे हैं लेकिन वो कम हैं. बता दें कि कृषि संकट और रोजगार सृजन के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने रघुराम राजन समेत कई विशेषज्ञों की राय ली है. राजन ने इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई है, जिसका पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रयोग करेगी.

एनपीए की समस्या पर बोलते हुए रघुराम राजन ने कहा कि यह देश की बैंकिंग व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है. एनपीए को बैंकिंग व्यवस्था से साफ करने और पुन: पुंजीकरण करने की जरूरत है. एनपीए की समस्या से लड़ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाया गया बैंकरप्सी कोड को राजन ने महत्वपूर्ण कदम बताया. वहीं राष्ट्रीय बैंकों के निजीकरण के बारे में उन्होंने कहा कि ये हो सकता है. लेकिन सार्वजिक क्षेत्र का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. राजन ने कहा कि बैंकिंग में सुधार को नौकरशाही द्वारा हाईजैक कर लिया गया. हमने बैंकिंग में सुधार के अवसर खो दिए. इसके लिए अब नेक्स्ट जेनेरेशन के सुधार की आवश्यकता है.

RBI के पूर्व गवर्नर ने कहा देश में शिक्षा और श्रम कानून का क्षेत्र चिंता का विषय है. इनमें सुधार के लिए सबसे बेहतरीन मंत्री मानव संसाधन मंत्रालय में होना चाहिए. राजन ने कहा कि निजी निवेश को फिर से सक्रिय करने की जरूरत है.

RBI गवर्नर के तौर पर अपने कार्यकाल के बारे में रघुराम राजन ने कहा कि उनका अनुभव अच्छा रहा. आरबीआई के मौद्रिक नीति बोर्ड ने अच्छा काम किया. पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थाओं अखंडता की रक्षा किए जाने की आवश्यकता है, साथ ही आरबीआई के परिचालन की स्वयत्तता की रक्षा करनी होगा