स्विंग के किंग कहे जाने वाले भारतीय टीम के तेज गेंजबाज भुवनेश्वर बन गए मेरठ की पहचान

स्विंग के किंग कहे जाने वाले भारतीय टीम के तेज गेंजबाज भुवनेश्वर कुमार एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं यूपी के मेरठ के रहने वाले भुवनेश्वर के पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे परिवार के साथ गांव से निकलकर जब भुवनेश्वर मेरठ आए तो उनकी बहन ने उनकी सबसे ज्यादा मदद की उनका रूझान बचपन से ही पढ़ाई से ज्यादा खेल की ओर था अपनी बहन के समर्थन से ही उन्होंने प्रोफेशनल क्रिकेट खेलना प्रारम्भ किया विक्टोरिया पार्क के क्रिकेट क्लब में जाते समय उनके पास जूते तक नहीं थे अपनी बहन की मदद से ही उन्होंने इन सभी मुश्किलों का सामना किया


भवुनेश्वर ने एक साक्षात्कार में बताया था कि वह ज्यादातर 40 से 50 फीसदी अंक ही हासिल कर पाते थे हालांकि उनका रिजल्ट नहीं बल्कि क्रिकेट पहचान बना जब वह अंडर 15 चैंपियनशिप खेलकर घर वापस आए तब इम्तिहान में केवल एक महीने का समय बचा था भुवनेश्वर के परिवार को उनके पास होने की उम्मीदें नहीं थी हालांकि भुवनेश्वर ने मेहनत की  60 फीसदी हसिल किए उनके परिणाम से उनकी बहन बेहद खुश थी इसके बाद भी उनका दिल पढ़ाई में ज्यादा नहीं लगा  उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई  उत्तर प्रदेश की रणजी टीम में शामिल हो गए

भुवनेश्वर आज एक सफल गेंदबाज है उन्होंने कई शानदार रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं 2008 के रणजी सीजन के दौरान उन्होंने सचिन तेंदुलकर को बोल्ड किया था इसके अतिरिक्तवह तीनो फॉर्मेट में पहला विकेट बल्लेबाज को बोल्ड करके हासिल किया है आईपीएल में वह सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हैं  सालाना 8.5 करोड़ रुपए कमाते हैं इसके साथ ही वह बीसीसीआई के सेंट्रल कॉट्रेक्ट की ‘ए’ कैटेगरी का भाग है जहां उन्हें सालाना पांच करोड़ रुपए मिलते हैं पढ़ाई में भले ही वह कुछ कमाल ना कर पाए हों लेकिन अपने क्रिकेट से वह मेरठ के साथ-साथ देश भर के फैंस के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं