सोहराबुद्दीन मामला: 13 वर्ष बाद न्यायालय ने सुनाया फैसला

सोहराबुद्दीन शेख-तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी एनकाउंटर मामले में 13 वर्ष बाद आज न्यायालय ने निर्णय दे दिया है CBI के विशेष न्यायाधीश ने अपने आदेश में बोलाहै कि सभी गवाह  सबूत साजिश  मर्डर को साबित करने के लिए संतोषजनक नहीं हैं न्यायालय ने बोला है कि आरोपों को सिद्ध करने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं हैं

अदालत ने बोला कि तुलसीराम प्रजापति की मर्डर एक साजिश के तहत किए जाने का आरोप हकीकत नहीं है सरकारी मशीनरी  अभियोजन पक्ष ने बहुत कोशिशें की है मामले में 210 गवाह पेश किए गए हैं, लेकिन पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए  गवाह भी अपनी गवाही से पलट गए यदि गवाह बयान नहीं देते हैं तो इसमें अभियोजक की कोई त्रुटि नहीं है

आपको बता दें कि साल 2005 के इस मामले में 22 लोग आरोपों का सामना कर रहे थे, जिनमें ज्यादातर आरोपी पुलिसकर्मी थे यहां की एक विशेष CBI न्यायालय द्वारा इस मामले की सुनवाई की जा रही थी इस मामले पर विशेष नज़र इसलिए भी रही थी, क्योंकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपियों की सूची में शामिल थे हालांकि, न्यायालय द्वारा 2014 में उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया था इस घटना के दौरान अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे