सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की जांच करने वाले पुलिसकर्मी ने छोड़ी दी जॉब

2005 के सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की जांच करने वाले पुलिसकर्मी रजनीश राय ने जॉब छोड़ दी है. वह गुजरात कैडर 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने एक नोट लिखकर जॉब छोड़ी है, जिसमें लिखा है, “उन्हें सेनानिवृत समझा जाए.

उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए गृह मंत्रालय को आवेदन किया था, जिसे ठुकरा दिया गया. बाद में इस निर्णय को चुनौती देते हुए राय ने अहमदाबाद में स्थित केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में अपील की. इसपर कार्रवाई करते हुए कैट ने केंद्र  गुजरात गवर्नमेंट को 10 दिसंबर को नोटिस जारी कर 1 जनवरी, 2019 तक जवाब मांगा.

फिल्हाल राय आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में काउंटर  एंटी टेररिज्म स्कूल के आईजी पद पर तैनात हैं. उन्होंने ट्रिब्यूनल जाने का निर्णय उस वक्त किया था जब उन्हें इमेल कर बोलागया “गृह मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी द्वारा उनके रिटायरमेंट के आवेदन को अस्वीर किए जाने के बाद, वह फौरन ड्यूटी ज्वाइन करें.” राय जब बीते वर्ष शिलांग में कार्यरत थे तो उन्होंने मारे गए दो आतंकवादियों के मामले को संदिग्ध एनकाउंटर बताते हुए रिपोर्ट दी थी. जिसके बाद उन्हें चित्तूर ट्रांसफर कर दिया गया.

विजिलेंस अधिकारी के तौर पर अधिकारियों पर लगाए करप्शन के आरोप

शिलांग से पहले राय झारखंड में यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के विजिलेंस अधिकारी थे. वहां उन्होंने करप्शन पर एक रिपोर्ट तैयार की थी. जिसमें उन्होंने कॉर्पोरेशन में कार्यरत कई वरिष्ठ अधिकारियों पर आपराधिक मामले चलाए जाने की मांग की थी. इस मामले में गवर्नमेंट ने बिना किसी सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लिए कार्रवाई करने पर उनके विरूद्धचार्टशीट दाखिल कर दी.

इस वर्ष राय ने 23 अगस्त को 50 वर्ष की आयु पूरी होने पर गवर्नमेंट की स्वैच्छिक सेवानिवृत योजना (वीआरएस) के तहत सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था. इसमें उन्होंने ऑल इंडिया सर्विसेज नियम, 1958 का हवाला दिया. बता दें 16 (2) के तहत 50 वर्ष की आयु पूरी होने पर ऑफिसर वीआरएस ले सकता है, इसमें शर्त ये होती है कि वह निलंबित न चल रहा हो.