सोशल प्लेटफॉर्म फेसबुक ने न्यूज़ पोस्ट और ग्रुप पोस्ट पर उठाये ये ख़ास कदम

सोशल प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों (Fake News) से बेहतर तरीके से निपटने और अपने कंटेंट की गुणवत्ता सुधारने के लिए Facebook नई पीढ़ी के डिजिटल युगीन पत्रकारों और समाचार प्रकाशकों को नौकरी दे सकता है। यूरोप की सबसे बड़ी प्रकाशक एक्सेल स्प्रिंगर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मैथिएस डॉफ्नर से बात करते हुए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि, इस प्लेटफॉर्म पर अपने दो अरब वैश्विक यूजरों के लिए और ज्यादा उच्च गुणवत्ता की खबरें कैसे दी जाए, इस दिशा में कदम उठाया जाएगा।

मार्क (34) ने कहा कि, मुझे नहीं पता कि आपके हिसाब से फेसबुक पर कितने फर्जी खाते हैं, लेकिन यह बहुत बड़ी संख्या प्रतीत होती है। कुछ लोग कहते हैं 70 करोड़ हैं। मुझे बिल्कुल नहीं पता, लेकिन इससे बेहद गंभीर समस्या की तरह निपटना होगा। उन्होंने कहा कि, हमें कुछ पत्रकारों, संवाददाताओं और बड़े विदेशी नेटवर्क्‍स को यह काम देना होगा और वे यह काम निशुल्क नहीं करेंगे। जुकरबर्ग ने कहा कि, वे यह सुनिश्चित करने पर ध्यान देंगे कि फेसबुक पर सैकड़ों, हजारों पत्रकारों, ब्लॉगरों, डिजिटल स्थानीय प्रकाशकों को क्या आकर्षित करता है कि, वे प्लेटफॉर्म पर अपना सर्वश्रेष्ठ कंटेंट साझा करते हैं। फेसबुक के सह संस्थापक ने कहा कि हम पत्रकारों से खबरें नहीं बनवाएंगे। हम उनसे सिर्फ यह सुनिश्चित कराना चाहते हैं कि हर उत्पाद ऐसा हो, जिससे लोगों को उच्च गुणवत्ता की खबरें मिलें।

व्हाट्सएप करेगा ‘चेकपॉइंट टिपलाइन’

देश में आम चुनावों से पहले फर्जी खबरों (Fake News) से निपटने के लिए व्हाट्सएप ने मंगलवार को ‘चेकपॉइंट टिपलाइन’ पेश की। इसके माध्यम से लोग उन्हें मिलने वाली जानकारी की प्रमाणिकता जांच सकते हैं। व्हाट्सएप पर मालिकाना हक रखने वाली कंपनी फेसबुक ने बयान में कहा कि, इस सेवा को भारत के एक मीडिया कौशल स्टार्टअप ‘प्रोटो’ ने पेश किया है। यह टिपलाइन गलत जानकारियों एवं अफवाहों का डाटाबेस तैयार करने में मदद करेगी।

इससे चुनाव के दौरान ‘चेकपॉइंट’ के लिए इन जानकारियों का शोध किया जा सकेगा। चेकपॉइंट एक शोध परियोजना के तौर पर चालू की गई है जिसमें व्हाट्सएप की ओर से तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है। कंपनी ने कहा कि देश में लोग उन्हें मिलने वाली गलत जानकारियों या अफवाहों को व्हाट्सएप के +91-9643-000-888 नंबर पर चेकपॉइंट टिपलाइन को भेज सकते हैं। एक बार जब कोई उपयोक्ता टिपलाइन को यह सूचना भेज देगा तब प्रोटो अपने प्रमाणन केंद्र पर जानकारी के सही या गलत होने की पुष्टि कर उपयोक्ता को सूचित कर देगा।

इस पुष्टि से उपयोक्ता को पता चल जाएगा कि, उसे मिला संदेश सही, गलत, भ्रामक या विवादित में से क्या है। प्रोटो का प्रमाणन केंद्र तस्वीर, वीडियो और लिखित संदेश की पुष्टि करने में सक्षम है। यह अंग्रेजी के साथ हिंदी, तेलुगू, बांग्ला और मलयालम भाषा के संदेशों की पुष्टि कर सकता है।