सेक्सुअल इंटरकोर्स के लिए फोरप्ले की जरूरत नहीं होती

जब कोई पुरुष पहली बार किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो उसके मन में सेक्स से जुड़े कई सवाल आते हैं। हालांकि, आजकल लोग इंटरनेट के जरिए भी सेक्स से संबंधित जानकारियों को पाने की कोशिश करते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो पहली बार सेक्स कर रहे हैं, उनके मन में सेक्स को लेकर कई तरह की आशंकाएं रहती हैं। वो सेक्स से जुड़े मिथकों को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। ऐसे में पहली बार सेक्स संबंध बनाने में काफी संकोच और झिझक महसूस करते हैं। यदि आप भी पहली बार सेक्स का आनंद लेने जा रहे हैं, तो सेक्स से जुड़े इन मिथकों को भी जान लें…

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मिथक- देर तक इरेक्शन बनाए रखना चाहिए
फैक्ट- अधिकांश पुरुष पहली बार सेक्स करने से पहले कई पॉर्न वीडियो देखते हैं, ताकि वो सेक्स के अलग-अलग पोजीशन ट्राई कर सकें। इसके साथ ही वीडियो में यह भी देखते हैं कि पुरुष 30-40 मिनट तक नॉनस्टॉप परफॉर्म कर रहा है, लेकिन रियल लाइफ में भी आप अधिक देर तक परफॉर्म कर पाएं, ऐसा होना मुश्किल है। कई अध्ययनों में यह खुलासा हुआ है कि अधिकांश पुरुषों में इरेक्शन 3-5 मिनट से ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रहता है।

मिथक- सेक्सुअल इंटरकोर्स के लिए फोरप्ले की जरूरत नहीं होती
फैक्ट- कुछ अध्ययनों की मानें तो महिला पार्टनर को ऑर्गेज्म का अहसास दिलाने के लिए सिर्फ वेजाइनल इंटरकोर्स ही काफी नहीं है। सेक्सुअल इंटरकोर्स में फोरप्ले बहुत अहम किरदार निभाता है। फोरप्ले से दोनों की कामोत्तेजना बढ़ती है और सेक्स का आनंद दोगुना हो जाता है।

मिथक- पहली बार में ही बेड पर बेहतर परफॉर्म करना जरूरी है
फैक्ट- पहली बार सेक्स करने से पहले अधिकांश पुरुष यही सोचते हैं कि अगर उन्होंने बेड पर बेहतर तरी़के से परफॉर्म नहीं किया तो पार्टनर के सामने उनकी इमेज खराब हो जाएगी। ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि पहली बार के सेक्स से ही आपको बेहतर अनुभव मिल जाए।

मिथक- हस्तमैथुन करना सेहत के लिए ठीक नहीं
फैक्ट- हस्तमैथुन यानी मास्टरबेशन सेहत के लिए किसी भी तरह से हानिकारक नहीं होता है। एक अध्ययन के अनुसार, मास्टरबेशन स्ट्रेस दूर करने का एक हेल्दी तरीका है। इससे स्पर्म क्वालिटी बेहतर होती है। तनाव दूर होता है और प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा भी कम होता है।

मिथक- पीरियड्स में असुरक्षित सेक्स से कोई खतरा नहीं होता
फैक्ट- अधिकतर लोगों का यही मानना है कि पीरियड्स के दौरान असुरक्षित सेक्स में कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, वो इस बात को भूल जाते हैं कि इससे भले ही प्रेग्नेंसी की संभावना थोड़ी कम हो जाती है, लेकिन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।