सूत्रों के मुताबिक आगामी चुनाव में इस मशीन का होगा प्रयोग

सूत्रों ने बताया कि मतदाता सूचियों के संशोधन के बाद सामने आए आंकड़ों के मुताबिक आगामी चुनाव में पूरे देश में तकरीबन 89,29,79,421 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जबकि पिछले चुनावों में 83,40,82,814 मतदाताओं का नाम सूची में दर्ज था। सूत्रों ने बताया कि पूरे देश में मतदान केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। आयोग ने पूरे देश में चुनाव के लिए 10,35,928 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

आगामी आम चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी राज्यों में मतदाता सूची के नवीनीकरण से लेकर मतदाता केंद्रों के निर्धारण तक की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सूत्रों की मानी जाए तो इस बार 2014 में हुए पिछले लोकसभा चुनावों के मुकाबले करीब 5.89 करोड़ ज्यादा मतदाता नई सरकार को चुनने में मदद देंगे।

ट्रांसफर-पोस्टिंगकी समयसीमा पूरी

आयोग की तरफ से निर्धारित ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए दी गई समयसीमा बुधवार को पूरी हो गई है। शुक्रवार तक राज्यों को इसकी रिपोर्ट आयोग के पास जमा करानी है। अब राज्य किसी भी अधिकारी का तबादला या नियुक्ति आयोग से मंजूरी लेकर ही कर पाएंगे। सूत्रों के अनुसार, जमीनी स्तर पर तैयारियों को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है और आयोग की तरफ से राज्यवार तैयारियों की समीक्षा भी लगभग पूरी हो चुकी है। अब अगले एक सप्ताह में आयोग किसी भी समय चुनाव तिथि घोषित करने की स्थिति में होगा।

चुनाव आयोग ने इस बार ईवीएम के साथ पहले से ज्यादा वोटर वेरिफेबल पेपर ऑडिट (वीवीपैट) मशीनें लगाने की तैयारी भी कर ली है। यह मशीन मतदाता के वोट डालने पर एक पर्ची निकालती है, जिसमें यह ब्योरा होता है कि उसका मत किस पार्टी के खाते में दर्ज हुआ है। वीवीपैट मशीनें बढ़ाने की मांग विपक्षी दलों ने आयोग की तरफ से आम चुनाव के सिलसिले में बुलाई गई बैठक के दौरान ईवीएम की विश्वसनीयता पर चिंता जताते हुए की थी।

सूत्रों के मुताबिक, अभी तक हर विधानसभा में आयोग एक से पांच फीसदी तक मतों का मिलान वीवीपैट से निकली पर्चियों से किया जाता था। लेकिन इस बार आयोग पारदर्शिता लाने के लिए ज्यादा फीसदी मतों का मिलान करने की तैयारी कर रहा है।