सुबह – सुबह दौडऩे से शारीर को मिलता है ये लाभ

व्यायाम से कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी की एक टीम ने चूहों पर शोध किया. इसके लिए वैज्ञानिकों ने लैब में ऐसी स्थान बनाई जहां चूहों को दौडऩे-भागने की स्थान मिले, दूसरी ओर ऐसे पिंजरे में भी चूहे रखे जहां दौडऩे-भागने की स्थान नहीं थी.

दोनों तरह के चूहों में तीन प्रकार के कैंसर के लिए टीके लगाए. किसी को लिवर कैंसर का इंजेक्शन दिया तो किसी की स्कीन के नीचे मेलेनोमा सेल्स का. कुछ चूहों की पूंछ में मेलेनोमा सेल्स का टीका लगाया. चूहों पर पहले हो चुके शोध में पाया गया है कि इससे फेफड़ों में मेलेनोमा बनने लगता है. पाया गया कि जिन चूहों को स्कीन के नीचे मेलेनोमा सेल्स का इंजेक्शन दिया गया था, उन्हें कैंसर हो गया.

दवाएं करेंगी बेहतर असर
एसएमएस अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप जसूजा के अनुसार व्यायाम से कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे से कैंसर कोशिकाएं हमला नहीं करतीं. इससे वजन घटता है  ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं रहत. अभ्यास से महत्वपूर्ण हार्मोंस स्त्रावित होते हैं जिससे कैंसर के उपचार के लिए ली जा रही दवाओं का प्रभाव बेहतर तरीका से होता है  रिकवरी जल्दी होती है. जिनका कैंसर का उपचार चल रहा हो वे बिना डॉक्टरी सलाह के हैवी अभ्यास न करें क्योंकि यदि कीमोथैरेपी के दौरान मरीज की प्लेटलेट्स कम हैं  वह भारी व्यायाम करता है तो अधिक रक्तस्त्राव होने कि सम्भावना है.

ऐसे पड़ा प्रभाव
छह सप्ताह बाद पिंजरे में बंद चूहों की तुलना में भागदौड़ वाले चूहों में ट्यूमर का साइज 61 फीसदी कम और फेफड़ों के ट्यूमर के साइज में भी अंतर था. भागदौड़ करने वाले चूहों के ट्यूमर का साइज पिंजरे में बंद चूहों से 58त्न छोटा था. असल में भागदौड़ करने वाले चूहों में रोग प्रतिरोधकता अधिक होने की वजह से ऐसा हुआ.