सीमा पर तनातनी के बीच पीएम मोदी और शी जिनपिंग करेंगे ये, भारी संख्या में सेना तैनात

देश के प्रमुखों, मुख्य कार्यकारी अध्यक्षों और सिविल सोसाइटी लीडर्स थीम- ए क्रुसियल ईयर टू रि-बिल्ड ट्रस्क के तहत हिस्सा लेंगे. वैश्विक नेताओं की तरफ से यह बैठक ऐसे वक्त पर होने जा रही है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है और पूरी दुनिया बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही है.

डब्ल्यूईएफ ने कहा- इस बैठक से विश्वास की पुनर्बहाली होगी और 2021 की आवश्यकता के मुताबिक नीतियों और साझेदारी का स्वरूप लेगा. इसमें अर्थव्यवस्था से लेकर डिजिटलाइजेशन और जलवायु परिवर्तन समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी.

आमतौर पर वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की सालाना बैठक जनवरी में माउंटेन रिजॉर्ट में होती है लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी की गई है और इसे सिंगापुर में मई में आयोजित किया जा रहा है.

डब्ल्यूईएफ दवोस का मुख्य तौर पर एजेंडा दुनिया के बड़े नेताओं को एक मंच पर लाकर नई वैश्विक स्थितियों पर संबोधित करना है. जेनेवा स्थित संगठन ने कहा कि 25 जनवरी से लेकर 29 जनवरी तक होने वाले इस सम्मेलन में जापान के प्रधानमंत्री योशिहिंदे सुगा, यूरोपीयन कमिशन के प्रसिडेंट उर्सुला वो डेर लेयेन, इटली के प्रधानमंत्री गुइसेप्पे कोन्टे भी हिस्सा लेंगे.

पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई के महीने से ही जारी तनातनी के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ मंच साझा करेंगे. दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की नियमित बैठक की तुलना में इस बार यह कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा. इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल इस ऑनलाइन सभा के प्रवक्ता होंगे.