सीएम योगी के भैंस चराने वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश यादव ने कह दी लैपटॉप वाली ये बात

लोकसभा चुनाव  के चौथे चरण का प्रचार अभियान चरम पर है। सभी राजनीतिक दलों प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को हरदोई और कानपुर में रैलियां की। सीएम योगी के भैंस चराने बाले बयान पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि, अगर सीएम योगी को लैपटॉप देदो चलाने के लिए दो वे गायब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि, भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले हम बंटने वाले नहीं हैं।

 

अखिलेश ने कहा कि, वह हमें कह रहे हैं कि, सविंधान ना होता तो हम भैंसे चरा रहे होते। कैसे सीएम हैं? अगर लैपटॉप देदो के जरा चलाने के लिए कह दो तो 2 दिन पता नहीं लगेगा कहां गायब हो जाएंगे। हमारे वाले में उनके ये विचार हो सकते हैं तो सोचो गरीब के बारे में क्या तुलना करते होंगे। दरअसल सीएम योगी ने कहा था कि, अगर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर और उनका संविधान नहीं होता तो अखिलेश यादव सैफई में किसी जमींदार के घर में भैंस और गाय चरा रहा होता। आज किस हैसियत से मंच शेयर कर रहे हैं ये लोग?

अखिलेश ने हरोदई की रैली में बोलते हुए कहा कि, ये हमारे 3 दलों के गठबंधन को महामिलावट बता रहे हैं। न जाने 38 दल मिलकर क्या कर रहे हैं? भाजपा ने सिर्फ सपने दिखाए, अच्छे दिन अब तक नहीं आए हैं। जब कभी देश के आईपीएस आते हैं, भाजपा वाले हमारे द्वारा शुरू किया गया 100 नंबर दिखाकर अपने नंबर बढ़ाते हैं। बाबा मुख्यमंत्री जी को समझ नहीं आता कि 100 नंबर चलता कैसे है।

अखिलेश ने कहा कि, जो सरकार गाय को माँ कहती हो आज सांड से नहीं मिल रही! ये सरकार किसी काम की नहीं, इस सरकार ने एक काम नहीं किया है। भाजपा सरकार में एक हज़ार से अधिक शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली। चालीस हज़ार से ज़्यादा किसानों ने आत्महत्या की है मगर सरकार आंकड़े नहीं दे पा रही है। अखिलेश ने कहा कि पिछली बार वो चाय के नशे में वोट बटोर ले गए। वो आबादी के एक प्रतिशत के प्रधानमंत्री हैं। किसान बर्बाद हो गया है। वह परेशान है। कैसी चमत्कारी सरकार है, खाद की बोरी से पांच किलो खाद चोरी हो गई।