श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने राष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट को विदेशी व लोकल विचारों के बीच प्रयत्न करार दिया। सिरिसेना ने पोलोननरुवा में रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह विदेशी विचारों का मानने वालों व लोकल मूल्यों का आदर करने वालों के बीच का मुद्दा है। ’’
इसे ‘यूनाइटेड नेशनल पार्टी’ (यूएनपी) पर अप्रत्यक्ष रूप से की गई टिप्पणी के तौर पर देखा जा रहा है, जिसके साथ मिलकर साल 2015 से सिरिसेना साझेदारी गवर्नमेंट चला रहे थे।
यह गठबंधन पीएम रानिल विक्रमसिंघे (यूएनपी के नेता) को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद 26 अक्टूबर को समाप्त हो गई थी। इसके बाद से ही राष्ट्र में राजनीतिक संकट प्रारम्भ हो गया था। हालांकि विक्रमसिंघे अपने निलंबन को असंवैधानिक बताते हुए अब भी आधिकारिक आवास पर बने हुए हैं।
वहीं विक्रमसिंघे की स्थान पीएम नियुक्त किए गए महिन्द राजपक्षे संसद में बहुमत साबित करने में नाकामयाब रहे व अब यह मामला न्यायालय में है। सिरिसेना ने बोला कि वह न्यायालय के आदेश के बाद ही अपना अगला कदम तय करेंगे।