सामने आया वो पहला शख्स, जिसे हुआ कोरोना , जानबूझकर किया…

चीन के लिए डाटा जुटाने वाले एक वैज्ञानिक ने चाइनीज मेडिकल जर्नल ‘हेल्थ टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में ड्रैगन की पोल खोल दी. वुहान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यू छुआनहुआ ने कहा कि फरवरी, 2020 तक करीब 47,000 लोगों के डाटा इकट्ठे किए गए थे. इनमें से एक मरीज ऐसी है, जो सितंबर, 2019 में बीमार पड़ी थी. इस मरीज का टेस्ट नहीं हुआ था. इस वजह से उसकी मौत हो गई.

इस महिला का इलाज वुहान के रोंगजन अस्पताल में चल रहा था. यह इलाका हुआनन मार्केट के काफी करीब है. बीजिंग ने इसी मार्केट पर आरोप लगाया है कि यहीं से कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई थी. यह इंटरव्यू ऐसे समय में आया है जब चीनी सरकार इस मामले को लेकर अपने लोगों को चुप कराने में लगी है.

इस महिला का घर हाई स्पीड रेल लाइन के स्टॉप के पास था. ऐसा माना जा रहा है कि इसी वजह से 1.1 करोड़ की आबादी वाले शहर में कोविड-19 इतनी तेजी से फैल गया. ‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार कॉमन फॉरन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन टॉम टुगनहत का कहना है कि अब समय आ गया है .

जब चीन को अपनी सभी फाइलें दुनिया के सामने खोलनी होंगी ताकि दुनिया को सच का पता चल सके. दुनिया को यह पता चलना चाहिए कि आखिर कोरोना वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई. उन्होंने कहा कि अगर हमें अपनी गलतियों का पता नहीं होगा तो भविष्य के जोखिम से कैसे बच सकेंगे.

अब चीन के ही एक अधिकारी की गलती से उसके झूठ की पोल खुल गई. बीजिंग ने जब कोविड-19 के पहले केस की जानकारी दी थी, उससे तीन हफ्ते पहले एक 61 साल की महिला में कोरोना जैसे लक्षण दिखे थे.

इस भारी भूल का स्क्रीन शॉट चाइनीज मेडिकल जर्नल को भेज दिया गया. इसके मुताबिक वुहान की कुख्यात लैब से महज एक मील की दूरी पर रहने वाली एक 61 वर्षीय महिला संक्रमित हो गई थी. इसकी पहचान ‘पेशेंट सू’ (Patient Su) के रूप में हुई है.

पूरी दुनिया करीब डेढ़ साल से कोरोना वायरस से जूझ रही है. 35 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 17 करोड़ से ज्यादा लोग इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.

चीन से शुरू हुए इस वायरस को लेकर ड्रैगन लगातार झूठ बोलता रहा है. कई देशों का मानना है कि चीन ने जानबूझकर वायरस के सच को छिपाया. अगर वह समय रहते सच बताता तो इससे बेहतर ढंग से लड़ा जा सकता है.