सामने आई नई महामारी का खौफ, छोड़ दे मछली खाना वरना…, रिसर्च से कांपे विशेषज्ञ

साथ ही एक्वाकल्चर सर्वे के जांचकर्ताओं ने पाया कि करीब 40 प्रतिशत फार्म बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। और इससे न केवल इंसानों बल्कि मछलियों के लिए भी बड़ा खतरा पैदा होता है।

 

वहीं इस रिपोर्ट के प्रमुख कौशिक राघवन ने बताया, ‘अधिकांश मछली फार्मों को नाइट्रोजन के ओवरडोज की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे तालाबों में अल्गल फूल पैदा होते हैं। साथ ही यह सबसे सघन मछली फार्मों द्वारा नियोजित होती है। नाइट्रोजन से मछलियों को सांस लेने में दिक्कत होती है।

जबकि दक्षिण भारत के राज्यों में मछली के फार्म में सीसा और कैडमियम की सबसे ज्यादा मात्रा मिली है। असल में इन दोनों तत्वों के मानव शरीर में प्रवेश करने पर कोशिकाएं डैमेज यानी बेकार हो जाती हैं।

जिसको लेकर सामान्यत् कहा जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए ज्यादा से ज्यादा अपने आहार में मछली को शामिल करना चाहिए। क्योंकि मछली में प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है। जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। लेकिन डॉक्टर प्रेग्नेंट महिलाओं को खाने में मछली शामिल करने की सलाह देते हैं। पर अब ऐसे में इस स्टडी से चिंता और बढ़ जाती है।

बात ये है कि 241 फिश फार्म पर किए गए एक अध्ययन में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। जिसके चलते 10 राज्यों के 241 मछली फार्मों पर किए गए इस अध्ययन में पता चला है कि इन फार्मों में सीसा और कैडमियम की ज्यादा मात्रा है। ये स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन करती है।

ऐसे में तमिलनाडु के कई शहरों में मछली फार्म में पानी की गुणवत्ता का सबसे खराब स्तर पाया गया, जबकि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ पुडुचेरी के फार्म में उच्च स्तर का सीसा मिला है, जो इंसान के लिए खतरनाक साथ ही जानलेवा है। वहीं तमिलनाडु, बिहार और ओडिशा के मछली फार्म पर्यावरण के लिए सबसे अधिक हानिकारक पाए गए हैं।

देश में 14 राज्यों में बर्ड फ्लू का कहर तेजी से फैल चुका है। ऐसे में एक तरफ कोरोना संक्रमण का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है और इधर फिर से चिकन और अंडे की दुकानों को बंद कर दिया गया है।

लेकिन अब मछली और मटन की मांग तेजी से बढ़ने लगी है। लोगों ने चिकन और अंडे को तो रिप्लेस कर मछली-मटन का उपयोग कर रहे हैं। तो क्या आपने ये सोचा है कि जो आप मछली या मटन खा रहे है वो क्या पूरी तरह से सुरक्षित है।