सांस से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त लोग रहें सावधान

शुक्रवार को बाहरी दिल्ली के इलाकों को छोड़कर दिल्ली के अन्य इलाकों में प्रदूषण का स्तर थोड़ा ही बढ़ा हुआ दिखा। बाहरी दिल्ली के अधिकतम इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य स्तर से तीन से पांच गुना से भी ज्यादा तक दर्ज किया गया।

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सीपीसीबी के अनुसार सबसे खराब स्थिति मुंडका, रोहिणी, बवाना, द्वारका, वजीरपुर, नरेला व गुरुग्राम में रही। इन सभी जगहों पर प्रदूषण के स्तर को ठीक कर पाना नामुमकिन है। सीपीसीबी की अधिकतर टीमें भी इन दिनों इन्हीं जगहों पर प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों में लगी हुई है लेकिन प्रदूषण को कम कर पाना आसान नहीं है। मौसम का मिजाज शुक्रवार को बदला हुआ दिखा।

बाहरी दिल्ली को छोड़कर अन्य इलाकों में शुक्रवार को प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि इससे दिल्लीवासियों को खास राहत नहीं मिली। पूर्वानुमान के मुताबिक अगले तीन दिनों में पीएम 2.5 का स्तर तेजी से बढ़ेगा। इसकी वजह से लोगों को और अधिक तकलीफ होगी। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 297 रहा था। यह बेहद खराब श्रेणी से महज 3 प्वाइंट कम है।

संस्था सफर के मुताबिक शनिवार से और ज्यादा खराब होंगे हालात 
वहीं एनसीआर के अधिकतर शहरों में प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में ही बना रहा। सफर इंडिया दिल्ली में 12 जगहों पर वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग करती है। इसके मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर 140 एमजीजीएस (माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर) रहा। शनिवार को 161 एमजीएम हो जाने की इसकी आशंका है।

शनिवार से राजधानी में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचना शुरू हो जाएगा। इससे उन लोगों की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ जाएगी जो सांस से जुड़ी तमाम तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं। ऐसे लोगों के लिए दिल्ली की हवा जानलेवा भी साबित हो सकती है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली सरकारी संस्था सफर के मुताबिक शनिवार को दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर जहां 138 रहेगा वहीं पीएम 10 का स्तर सामान्य से बहुत ज्यादा 297 दर्ज किया जाएगा। इससे हालात बहुत अधिक खराब हो जाएंगे। इतना ही नहीं वायु प्रदूषण में अब लगातार बढ़ोतरी होती जाएगी।

निगम ने किया छिड़काव
राजधानी दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी स्थानीय निकायों ने भी कमर कर कस ली है। सभी निकाय अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार टैंकर द्वारा पानी का छिड़काव कर रहे हैं। वहीं निर्माणाधीन साइट पर रोक लगाने के लिए लगातार जांच अभियान चला रहे हैं।

स्थानीय निकायों का कहना है कि जबतक प्रदूषण का स्तर सामान्य नहीं हो जाता है, तबतक न सिर्फ निर्माणाधीन साइट पर काम रोक दिया है, बल्कि फैक्ट्रियों को बंद करने का निर्देश जारी किया है। उत्तरी नगर निगम के उपमहापौर राजेश लावाडिय़ा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए खुद मैदान में उतर गए हैं।

एनडीएमसी अपने क्षेत्रों में सड़कों पर पानी का छिड़काव करने के साथ-साथ पेड़ों की पत्तियों को भी साफ कर रहा है। सैकड़ों की तदाद में कर्मचारी लगातार इस कार्य को कर रहे हैं। वहीं निर्माणाधीन साइट पर रोक लगाने के लिए भी एनडीएमसी ने कई अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है।