सांसद स्कूली बच्चों से भी गए गुज़रे लोकसभा स्पीकर दो दिन पहले कही ये बात

अब हम दुनियाभर की संसदों की बात करेंगे  सवाल ये है कि क्या पूरी संसार के पॉलिटिक्स के चरित्र में असहनशीलता बढ़ती जा रही है  मतभेद तो हर एरिया में होते हैं, चाहे फिल्में हों, खेल हों, या कोई दूसरा क्षेत्र लेकन पॉलिटिक्स में मतभेद बदसलूकी  हाथापाई तक पहुंच जाते हैं हमारा अगला विश्लेषण इसी विषय पर है    आरंभ हम हिंदुस्तान की संसद से करेंगे जहां पिछले 7 दिनों से कामकाज ठप पड़ा हुआ है

कई मुद्दों पर लगातार हंगामा हो रहा है लोकसभा स्पीकर दो दिन पहले ये कह चुकी हैं कि क्या सांसद स्कूली बच्चों से भी गए गुज़रे हो गए हैं  आज इस हंगामे से राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू भी परेशान हो गए 

संसद का शीतकालीन सत्र 8 जनवरी तक चलेगा सत्र के 20 दिनों में गवर्नमेंट को 46 बिल पास कराने हैं लेकिन, अबतक सिर्फ 2 बिल पास हुए यानी अगले 13 दिनों में 44 बिल पास करने के लिए गवर्नमेंट को बुलेट ट्रेन की तेज़ी से कार्य करना होगा

हंगामा सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं  ब्रिटेन में भी हो रहा है वहां संसद में Brexit पर बहस के दौरान Labour Party के नेता Jeremy Corbyn ने ब्रिटेन की पीएम Theresa May को Stupid Woman यानी बेवकूफ महिला कह दिया  हालांकि ये शब्द किसी को सुनाई नहीं पड़ा लेकिन इस अपमानजनक भाषा पर टकराव प्रारम्भ हो गया आप इस वीडियो में देख सकते हैं इसमें Jeremy Corbyn पीएम Theresa को जवाब देते हुए कुछ बोलते दिखाई दे रहे हैं

ये शब्द स्पष्ट नहीं थेकिसी ने कोई आवाज़ नहीं सुनी बाद में वहां के Lip Readers की मदद से ये बताया गया कि Corbyn ने पीएम के लिए Stupid Woman शब्द प्रयोग किया

संसद में नेताओं का कार्य होता है जनता की भलाई के लिए कानून पर चर्चा करना कई बार नेताओं की बहस Out Of Control होकर लड़ाई-झगड़े में बदल जाती है पूर्वी यूरोप में मौजूद Ukraine की संसद से आई साल 2015 की फोटोज़ देखिए, जिसमें पार्लियामेंट बॉक्सिंग रिंग बन गया

दक्षिण कोरिया के नेता Ukraine से भी एक कदम आगे चले गए वहां विपक्षी नेता ने साल 2011 में अमेरिका के साथ Free Trade डील से नाराज़ होकर Tear Gas यानी आंसू गैस का Powder फेंक दिया  हालांकि वहां की संसद के स्पीकर पर हुए इस हमले के बावजूद ये डील पास हो गई

लोकतंत्र में विरोध करने का सबसे सरल उपाय है किसी मुद्दे पर आवाज़ उठाना लेकिन जनता की बात करनेवाले नेता शायद ये नहीं समझ पाए कि उन्होंने कब सीमा पार कर ली

वैसे राहत की बात है कि 2016 के एक सर्वे के मुताबिक अपनी गवर्नमेंट पर भरोसे के मामले में हिंदुस्तान के लोग संसार में तीसरे नंबर पर हैं