सांप्रदायिक दंगे में 40 हजार से अधिक लोग हुए थे बेघर, अब सरकार दे चुकी है ये अनुमति

बीजेपी सांसद संजीव बालियान की अगुवाई में पिछले साल सीएम योगी से मिले प्रतिनिधिमंडल ने मांग की थी मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में अगस्त-सितंबर 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे में 60 लोग मारे गए थे और 40 हजार से अधिक लोग बेघर हुए थे

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के 20 मुकदमे और वापस लेने की इजाजत दे दी है. इसके लिए 3 शासनादेश जारी किए गए हैं. शासन ने जिन मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दी है, वे पुलिस और पब्लिक की ओर से दर्ज कराए गए थे. अब तक 74 मुकदमों को वापस लेने की अनुमति सरकार दे चुकी है. ये सभी मुकदमे आगजनी, लूट डकैती आदि धाराओं के हैं. सबसे ज्यादा मुकदमे फुगाना थाने के हैं.

इसके अलावा भौराकलां, जानसठ, नई मंडी, शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमे भी शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, यूपी सरकार के मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम और उमेश मालिक के मामलों में प्रक्रिया अभी जारी हैं. जानकारी के मुताबिक, कुल 114 मामलों में केस वापसी की मांग की गई थी. बीजेपी सांसद संजीव बालियान की अगुवाई में पिछले साल सीएम योगी से मिले प्रतिनिधिमंडल ने मांग की थी.

समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार के दौरान पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में भीषण दंगा हुआ था. मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में अगस्त-सितंबर 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे में 60 लोग मारे गए थे और 40 हजार से अधिक लोग बेघर हुए थे. मुजफ्फरनगर दंगो के दौरान कुल 502 मुकदमे दर्ज किये गए थे जिसमे 6867 लोग आरोपी बताये गये थे. इस दंगे में पुलिस ने 500 से अधिक लोगों पर मुकदमे दायर किए थे जो लूट-डकैती आगजनी के थे.