सवर्ण आरक्षण की शर्तों में हो सकता है बदलाव

10 प्रतिशत आरक्षण के भीतर 8 लाख की आय  पांच एकड़ जमीन की योग्यता वाले आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने वाले विधेयक को संसद से मंजूरी मिल चुकी है.हालांकि सामाजिक न्याय  अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने बोला कि यह अंतिम नहीं है  नियमों में परिवर्तन हो सकता है.

जब मंत्री से पूछा गया कि क्या आठ लाख की आय सीमा बहुत ज्यादा सामान्य नहीं है. इसपर उन्होंने कहा, ‘8 लाख आय, पांच एकड़ जमीन  दूसरे अन्य मापदंड विचाराधीन हैं. यह अंतिम नहीं हैं. यो थोड़ा बहुत कम, ज्यादा हो सकता है.‘ जहां अपेक्षा है कि मंत्रालय एक सप्ताह के अंदर नियम बनाएगी, गवर्नमेंट ने सभी राज्यों से अपने मापदंडों को तैयार करने के लिए बोला है. यह एजुकेशन  जॉब पर लागू होगा जो राज्य के दायरे में आता है.

गहलोत ने कहा, ‘हम आने वाले समय में देखेंगे कि कैसे राज्य इन नियमों को बनाते हैं. इनपर भी विचार किया जाएगा.‘ मंत्री ने बोला वार्षिक घरेलू आय  भूमि का संदर्भ क्रीमी लेयर के लिए मौजूदा मापदंडों से लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘विधेयक में भूमि  आय सीमा को लेकर कोई संदर्भ नहीं है.

मंत्री ने उन रिपोर्ट्स पर अपना जवाब दिया जिसमें गवर्नमेंट ने संसद में एक सवाल के दौरान 8 जनवरी को बोला था कि गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण लाने की उसकी कोई योजना नहीं है. इसपर गहलोत ने कहा, ‘संसद में किसी सवाल के रखे जाने पर जवाब तैयार करने में कुछ हफ्तों का समय लग जाता है. जब कुछ फाइनल ही न हुआ तो उसकी पुष्टि कैसे की जा सकती है.