सरकार ने बैंकों में 50 हजार करोड़ की पूंजी डालने की तैयारी की प्रारम्भ 

सरकार ने बैंकों में 50 हजार करोड़ की पूंजी डालने की तैयारी प्रारम्भ कर दी है. फंसे हुए कर्ज की मार झेल रहे बैंकों के प्रदर्शन का आकलन वित्त मंत्रालय कर रहा है, जो दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. इसके बाद सार्वजनिक एरिया के बैंकों को राहत मुहैया कराने के लिए उनका पूंजीकरण किया जाएगा. मंत्रालय द्वारा बैंकों के पिछली तिमाही के नतीजों का आकलन किया जा रहा है.

नयी पूंजी मिलने से इन बैंकों को खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को  अधिक कर्ज सहायता देने में मदद मिलेगी. हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने एमएसएमई एरियाको गति देने के लिए एक घंटे से भी कम समय में एक करोड़ रुपये तक कर्ज, श्रम एवं पर्यावरण कानून में छूट जैसे तरीकों की घोषणा की. मंत्रालय के सूत्रों ने बोला कि बैंकों के दूसरी तिमाही के नतीजे के आकलन के बाद मंत्रालय उनके साथ वार्ता प्रारम्भ करेगा.

पांच बैंकों को पहले ही मिल चुके हैं 11,336 करोड़  

मंत्रालय ने इस साल की शुरूआत में 11,336 करोड़ रुपये की पूंजी सार्वजनिक एरिया के पांच बैंकों में डाली थी. नीरव मोदी द्वारा की गई धोखाधड़ी से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक को सर्वाधिक 2,816 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि इलाहाबाद बैंक को 1,790 करोड़ रुपये, आंध्रा बैंक को 2,019 करोड़ रुपये, भारतीय ओवरसीज बैंक को 2,157 करोड़ रुपये तथा कारपोरेशन बैंक को 2,555 करोड़ रुपये मिले थे.

यह पूंजीकरण दो साल के दौरान सरकारी बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने के प्रोग्राम का भाग है. इससे अभी 65,000 करोड़ रुपये की पूंजी  उपलब्ध कराई जानी है.याद रहे कि गवर्नमेंट ने पिछले साल अक्तूबर में बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये डाले जाने की घोषणा की थी.

मंत्रालय के एक ऑफिसर के मुताबिक इस माह के अंत तक या दिसंबर के पहले हफ्ते तक पूंजीकरण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा. इसमें प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क में डाले गए बैंकों के अतिरिक्त भी बेहतर प्रदर्शन करने वालों को पूंजी मुहैया कराई जा सकती है. इसके अतिरिक्त बैंकों के विलय के मद्देनजर कुछेक बैंकों का अधिक पूंजीकरण किया जाएगा.